Muzaffarpur rape case: रविवार को पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में 10 वर्षीय बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद कांग्रेस ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि प्रशासन “वेंटिलेटर पर चल रहा है”.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की का पहले 26 मई को मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज चल रहा था. उसकी गर्दन और अंदरूनी हिस्से में गंभीर चोटें थीं.
पीड़िता के चाचा ने क्या आरोप लगाए
नाबालिग लड़की के चाचा वीरेंद्र पासवान ने आरोप लगाया कि आरोपी ने 10 वर्षीय बच्ची को उसकी मौसी के घर के पास चॉकलेट का लालच देकर बहला-फुसलाकर मक्के के खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया.
उन्होंने कहा, “लड़के को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने लड़की का गला घोंट दिया और उसका गला काट दिया। हमने 112 नंबर पर कॉल किया.”
इसके अलावा, पासवान ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले उसे दो घंटे तक एंबुलेंस में रखा गया.
डॉक्टरों ने हमें पटना रेफर कर दिया, लेकिन हमें वहां भी अच्छा नहीं लगा. यह अच्छा अस्पताल नहीं है. कल हम आए और एंबुलेंस में तीन घंटे तक इंतजार किया। जब सभी ने हंगामा करना शुरू कर दिया, तो उन्होंने उसे 4 बजे भर्ती किया. किसी भी चीज की कोई सुविधा नहीं थी. बच्ची बेचैन थी और रात में रोने लगी. डॉक्टर परेशान हो गए और बच्ची को पूरी रात नींद की दवा देते रहे और सुबह आठ बजे उसकी मौत हो गई,” पासवान ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा.
Muzaffarpur rape case: पीएमसीएच के प्रभारी ने आरोपों पर क्या कहा
पीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह ने समाचार एजेंसी को बताया, “यहां पहुंचने के बाद डॉक्टर ने एंबुलेंस में उसकी जांच की. उसे आईसीयू में ले जाया गया और सभी विभागों के डॉक्टरों ने पूरी रात उसका इलाज किया.”
हलांकि लापरवाही के आरोपों का डॉ. सिंह ने खंडन किया है. “अगर किसी के साथ ऐसी घटना होती है, तो परिवार लापरवाही का आरोप लगाएगा. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद हमने उसका सक्रिय रूप से इलाज किया. डॉक्टर ने एंबुलेंस में उसकी जांच की और फिर उसे भर्ती किया.”
चाचा ने लगाया 25 हज़ार के खर्च का आरोप भी लगाया
इसके अलावा, नाबालिग पीड़िता के चाचा ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल होने के बावजूद उन्हें अस्पताल में 25,000 रुपये खर्च करने पड़े.
उन्होंने कहा, “पीएमसीएच अस्पताल लापरवाह है. इस अस्पताल का मतलब है कि जो भी आएगा वो लाश बन जाएगा. यहां तक कि डॉक्टर भी लापरवाह है. कल सुबह उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन वे खून देने के लिए पैसे लेते हैं; पैसे नहीं तो खून नहीं. यहां हमने 25,000 रुपये खर्च कर दिए.”
पासवान ने कहा कि अगर कोई खून देगा तो उसे खून मिलेगा, नहीं तो नहीं मिलेगा. उन्होंने दोहराया कि अस्पताल प्रशासन लापरवाह है.
कांग्रेस ने नीतीश कुमार सरकार पर साधा निशाना- “बिहार सरकार वेंटिलेटर पर चल रही है”
इस घटना पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है, जिसके पार्टी नेता आदित्य पासवान ने अस्पताल प्रशासन और सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आदित्य ने पीएमसीएच के डॉक्टरों की लापरवाही के लिए एनडीए के नेतृत्व वाली बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराया और अस्पताल के अधीक्षक को तुरंत निलंबित करने की मांग की। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की भी मांग की.
उन्होंने कहा, “बिहार सरकार वेंटिलेटर पर चल रही है और यह सिर्फ दिखावा है कि विश्वस्तरीय अस्पताल बनाया जा रहा है.. अगर ऐसा होता तो दलित लड़की के साथ ऐसा नहीं होता. दलित हो या गरीब, सब बराबर हैं. अगर कोई कहता है कि लड़की को भर्ती करने के लिए आपको एक घंटे तक संघर्ष करना पड़ेगा, तो यह शर्म की बात है.” बच्ची को दो घंटे से ज़्यादा एंबुलेंस में इंतज़ार करने का हवाला देते हुए आदित्य पासवान ने कहा, “ऐसी व्यवस्था है जहां दलित की जान की कोई कीमत नहीं है, फिर गरीब की जान की कोई कीमत नहीं है, फिर ऐसी सरकार में रहने का कोई मतलब नहीं है”. कांग्रेस के बिहार प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “जब हम वहां अधीक्षक से मिले, तो उन्होंने कहा कि उन्हें पटना रेफर करना है. हमने एम्स रेफर करने के लिए कहा, जहां बेहतर सुविधाएं हैं, लेकिन किसी कारण से उन्होंने हमें पीएमसीएच रेफर कर दिया. पीएमसीएच पहुंचने के बाद बच्ची करीब ढाई घंटे तक एंबुलेंस में पड़ी रही.”
उन्होंने कहा, “इसके बाद हम प्रदेश अध्यक्ष के साथ आए. मैं अपने साथ राजेश राम को भी लाया था… हम अधीक्षक से मिले. एक घंटे तक संघर्ष करने के बाद लड़की को ले जाया गया. अगर लड़की को समय पर भर्ती कर लिया गया होता तो आज लड़की की मौत नहीं होती.”

