गुरु गुरु ही रहता है…
बिहार में इन दिनों एक शिक्षक का छट्टी के लिए दिया गया आवेदन सोशल मीडिया पर खासा वायरल है . एक शिक्षक ने छुट्टी के लिए प्रधानाध्यापक को प्रार्थना पत्र लिखा है…
“ महाशय सादर निवेदन है कि दिनांक 5-12-2022 ,दिन सोमवार को रात के लगभग मेरी मां की मौत हो जायेगी,इस लिए मैं उनके अंतिम संस्कार हेतु 06-12-2022 से 07-12-2022 तक अपने विद्यालय में अनुपस्थित रहुंगा.”
एक दूसरे शिक्षक ने अपने प्रधानाध्यापक को छुट्टी के लिए जो आवेदन दिया वो तो और भी मजेदार है. आवेदन में लिखा है कि दिनांक 07-12-2022 को एक शादी समारोह में भाग लेने के बाद उनका पेट खराब हो जायेगा इसलिए उन्हें आकस्मिक अवकाश लेने की अनुमति दी जाये .
आप सोच रहे होंगे कि क्या बिहार में शिक्षकों का दिमाग फिर गया है कि वो लोग इस तरह के उल जूलूल आवेदन लिख रहे हैं. तो इसके पीछे का कारण भी समझ लीजिये. दरअसल बिहार शिक्षा विभाग के मुंगेर प्रमंडल में क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक विद्या सागर सिंह ने शिक्षकों के अवकाश लेने के संबंध में एक निर्देश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कोई भी शिक्षक अगर आकस्मिक अवकाश लेना चाहता है तो उन्हें तीन दिन पहले अपने वरिष्ठ से अनुमति लेनी होगी. अधिकारी के इसी आदेश की प्रतिक्रिया में शिक्षक ऐसे उल जलूल प्रार्थना पत्र लिखकर दे रहे हैं.
अधिकारी के बेतुके निर्देश को लेकर मुंगेर प्रमंडल में शिक्षकों में गुस्सा है और निर्देश वापस लेने की मांग कर रहे हैं. शिक्षकों का आक्रोश देखने को बाद शिक्षा विभाग ने उनकी नाराजगी दूर करने के लिए बातचीत करने की बात कही है लेकिन जब तक आदेश वापस लेने का निर्देश नहीं आ जाता है,तब तक इस तरह की अतरंगी प्रार्थना पत्रों की लाइन लगी हुई है.