Abujhmad Naxal Operation नारायणपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. बुधवार सुबह नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 27 नक्सलियों को मार गिराया है. सबसे बड़ी बात ये है कि इन नक्सलियों में हार्डकोर नक्सली कमांडर बसवा राजू भी शामिल है, जिसके सिर पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम था, जिसे छत्तीसगढ़ में लाल आतंक के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.बसवा राजू ही वो नाम था जो छत्तीसगढ़ से लेकर तेलंगाना तक नक्सली संगठन को संचालित करता था. वो कई बड़ी वारदातों में शामिल भी रहा था . ऐसे में उसका मारा जाना नक्सली संगठन के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है. बसवा राजू के मारे जाने की खबर खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की है. उन्होंने सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन की तारीफ की है.
A landmark achievement in the battle to eliminate Naxalism. Today, in an operation in Narayanpur, Chhattisgarh, our security forces have neutralized 27 dreaded Maoists, including Nambala Keshav Rao, alias Basavaraju, the general secretary of CPI-Maoist, topmost leader, and the…
— Amit Shah (@AmitShah) May 21, 2025
Abujhmad Naxal Operation :गृहमंत्री शाह ने राजू के मारे जाने की जानकारी दी
गृहमंत्री अमित शाह ने आपरेशन का सफलता के बारे में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा –
“नक्सलवाद के खात्मे की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि.आज छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में एक ऑपरेशन में हमारे सुरक्षा बलों ने सीपीआई-माओवादी के महासचिव, शीर्ष नेता और नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू समेत 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराया है। नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है कि हमारे बलों ने महासचिव स्तर के किसी नेता को मार गिराया है। मैं इस बड़ी सफलता के लिए हमारे बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना करता हूं”
नक्सल संगठन में बड़ा नाम था बसव राजू
नक्सल संगठन में बड़ा नाम था बसव राजू, जिस पर डेढ़ करोड़ का इनाम रखा गया था. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बसव राजू की आखिरी फोटो भी 30 साल पुरानी है, जिसकी उम्र फिलहाल 60 से 70 साल के बीच बताई जा रही है. वह बस्तर में सक्रिय था और पूरा नक्सल संगठन यहीं से संचालित होता था. वह नक्सलियों द्वारा की गई कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा था. बसव राजू ने हमेशा अपनी पहचान छिपाकर रखी, वह सभी नक्सल प्रभावित राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता था, ताकि पुलिस या सुरक्षा बल उसे निशाना न बना सकें. माना जाता है कि बसव राजू की पकड़ उन सभी राज्यों पर थी, जहां नक्सल संगठन मौजूद हैं, यही वजह है कि उसका एनकाउंटर नक्सलियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
क्या 40 साल में बड़ा झटका
नक्सली कमांडर बसव राजू का असली नाम नंबला केशव राव बताया जाता है, जो मूल रूप से आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियान्नापेटा का रहने वाला था .वह नक्सल संगठन का महासचिव होने के अलावा नक्सल संगठन में सैन्य आयोग का प्रमुख भी था. वह छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और झारखंड में भी सक्रिय था. माना जाता है कि इन राज्यों में बसव राजू के आदेश पर ही काम होता था. ऐसे में उसकी मौत को नक्सल संगठन के लिए 40 साल में सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है. बताया जाता है कि बसव संगठन के शीर्ष नेतृत्व में था और अपनी रणनीतिक सोच के लिए वह नक्सलियों के बीच मशहूर था. बसव राजू ने घातक हथियारों की ट्रेनिंग ली थी, कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माना जाता है कि उसका श्रीलंका के लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम से संबंध है. फिलहाल उसका मारा जाना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, जो 2026 तक नक्सली संगठनों को खत्म करने में भी अहम साबित होगी.

