रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों nuclear weapons की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने का आग्रह किया. यह बात ऐसे समय में कही गई है जब कुछ ही दिनों पहले परमाणु हथियार संपन्न दोनों पड़ोसी देशों ने लगभग तीन दशकों में अपने सबसे खराब सैन्य संघर्ष को समाप्त किया है.
क्या ऐसे गैरजिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में nuclear weapons सुरक्षित हैं- राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कश्मीर में सुरक्षा स्थिति, विशेषकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा का जायजा लेने के लिए जम्मू और कश्मीर की महत्वपूर्ण यात्रा पर हैं.
श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में भारतीय सैनिकों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं पूरी दुनिया से पूछता हूं कि क्या ऐसे गैरजिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं. मेरा मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में ले जाना चाहिए.”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा मंत्री की यह पहली जम्मू-कश्मीर यात्रा
ऑपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यह पहली जम्मू-कश्मीर यात्रा है. अधिकारियों ने बताया कि शीर्ष सैन्य अधिकारी मौजूदा सुरक्षा स्थिति के विभिन्न पहलुओं पर रक्षा मंत्री को जानकारी देंगे.
रक्षा मंत्री श्रीनगर में भारतीय सेना की XV कोर में समग्र स्थिति के साथ-साथ अग्रिम पंक्ति के सैनिकों की युद्ध तत्परता की समीक्षा करेंगे.
भारत ने 7 मई की सुबह आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया.
पाकिस्तानी कार्रवाई का भारतीय पक्ष ने कड़ा जवाब दिया. भारतीय सेना ने 26 सैन्य ठिकानों पर हमला करने के पाकिस्तान के प्रयासों के जवाब में 10 मई को मिसाइलों और अन्य लंबी दूरी के हथियारों से आठ पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को निशाना बनाया.
10 मई की दोपहर को दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ शत्रुता समाप्त हो गई.
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