Monday, July 7, 2025

एक जेल अधीक्षक जिसने बदल दी अपराधियों की किस्मत

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शाहजहांपुर :  आमतौर पर जब जेल का नाम आता है तो लोगों को हिंदी फिल्मों का एक डायलॉग अक्सर याद आ जाता है कि मैं अंग्रेजों के टाइम का जेलर हूं. मगर शाहजहांपुर जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने जेल की परिभाषा को ही बदल कर रख दिया है. मिजाजी लाल शाहजहांपुर के साथ-साथ उन्नाव, बाराबंकी, सोनभद्र, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर और मुज़फ्फरनगर में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

जेल अधीक्षक मिजाजी लाल बहुत ही विनम्र स्वभाव के हैं और वो बंदियों का व्यवहार और उनका कौशल निखारने में लगे रहते हैं. वह जेल में कभी बंदी महिला के प्रसव होने के उपरांत समारोह का आयोजन करते हैं, तो कभी बन्दियों को डिप्रेशन से बचाने के लिए जेल में चौके छक्के लगवाते हैं. अपनी सेवाओं के दौरान मिजाजी लाल कैदियों से अपने व्यवहार के प्रति हमेशा चर्चा में रहे हैं. उनका मानना है कि बंदियों को प्रेम व्यवहार से समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जा सकता है और उनको अपराध से दूर किया जा सकता है  और इन बातों को मिजाजी लाल ने सच करके भी दिखाया है.

मिजाजी लाल ने बताया कि वह अपने बंदियों से अक्सर बात करते हैं. उनकी समस्याओं को सुनते हैं और उसका समाधान भी करते हैं. जिससे बंदी मिजाजी लाल की उस सोच से जुड़ जाते हैं जिससे मिजाजी लाल उनको जोड़ना चाहते हैं. मिजाजी लाल ने बताया कि वह मुजफ्फरनगर में रहते हुए कई टॉप-टेन अपराधियों को भी सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरणा दे चुके हैं और वह बंदी आज भी सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं और अपराध की दुनिया को पूरी तरह से छोड़ चुके हैं.

जेल में रहते हुए मिजाजी लाल बंदियों को रोजगार के अवसर भी मुहैया कराते हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के यह जेल अधीक्षक हर पैमाने पर खरे उतरते हैं. मिजाजी लाल ने बताया कि जब उनकी तैनाती मुजफ्फरनगर में थी तो एक बड़ा अपराधी जिसका नाम हितेश था, जेल में बंद था जिसके मुंह में कैंसर था. मिजाजी लाल ने उसको अपराध की दुनिया से तो दूर किया ही साथ ही उसका दिल्ली में सफल इलाज भी कराया और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के चलते ही उसको कारागार से भी मुक्त किया गया. हितेश अब पूरी तरह से अपराध की दुनिया को छोड़ चुका है और हितेश का परिवार आज भी मिजाजी लाल को अक्सर फोन करता है और उनका आभार व्यक्त करता है.

शाहजहांपुर जेल में भी मिजाजी लाल ने संविधान दिवस के अवसर पर बंदियों को आगे से अपराध ना करने की कसम खिलाई और उनको यह विश्वास है कि शाहजहांपुर जेल से छूटने वाले बंदी भविष्य में अपराध की दुनिया से दूर हो जाएंगे.

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