राजधानी दिल्ली की जीवनरेखा मानी जाने वाली यमुना नदी की बदहाल स्थिति को देखते हुए अब दिल्ली सरकार ने इसे लेकर सख्त रुख अपना लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वयं यमुना सफाई अभियान की कमान संभालने का फैसला किया है। उन्होंने साफ किया है कि अब यमुना की सफाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीएम खुद करेंगी निरीक्षण और साप्ताहिक समीक्षा
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, रेखा गुप्ता स्वयं यमुना किनारे स्थित संवेदनशील क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करेंगी और हफ्ते में एक बार समीक्षा बैठक कर सफाई की प्रगति का जायजा लेंगी। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि:
नालों से गिरने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं
यमुना किनारे के औद्योगिक अपशिष्ट को तुरंत नियंत्रित किया जाए
घाटों की सफाई और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए
जनभागीदारी और जागरूकता अभियान चलाए जाएं
साफ-सुथरी यमुना: चुनावी वादा भी
मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता ने यमुना की सफाई को प्राथमिकता वाले वादों में शामिल किया था। अब जबकि गर्मियों में जल स्तर और प्रदूषण दोनों बढ़ते हैं, तो इस कदम को सरकार की प्रतिबद्धता का संकेत माना जा रहा है।
NGT और केंद्र से सहयोग की अपील
दिल्ली सरकार ने इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और केंद्र सरकार से भी सहयोग की अपील की है। जल संसाधन मंत्रालय से तकनीकी और वित्तीय मदद की मांग की गई है।
जनता को जोड़ने की योजना
सरकार का इरादा सिर्फ सरकारी स्तर पर नहीं, बल्कि जनता को भी यमुना सफाई से जोड़ने का है। जल्द ही ‘मेरा घाट, मेरी जिम्मेदारी’ नामक एक नागरिक सहभागिता अभियान शुरू किया जाएगा।
तीन चरणों में बांटा गया यमुना सफाई का काम
यमुना की सफाई के काम को तीन चरणों में बांटा गया है, अल्पावधि (तीन महीने), मध्यम अवधि (तीन महीने से डेढ़ साल) और दीर्घावधि (डेढ़ साल से तीन साल)।
तीन चरणों में जलनिकासी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज प्रबंधन, डेयरी और औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट जल उपचार बुनियादी ढांचे में कमियों की पहचान और उन्हें दूर करना, नदी के प्रवाह में सुधार, बाढ़ सुरक्षा और हरित नदी तट का विकास और जन जागरूकता जैसे कार्यों के जरिए नदी को साफ किया जाएगा।
इन प्रयासों को प्रभावी बनाने और क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री बुधवार को जल बोर्ड के कार्यालय में जल मंत्री प्रवेश वर्मा और अधिकारियों के साथ मंथन करेंगे। बैठक में जल बोर्ड के साथ ही सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली विकास प्राधिकरण, नगर निगम और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भाग लेंगे।