Mahagathbandhan: दिल्ली में हुई राहुल गांधी और तेजस्वी की मुलाकात, मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर क्या हुई बात?

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मंगलवार को दिल्ली में आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुलाकात हुई. इस साल के अंत में होने वाला बिहार विधानसभा के चुनावों के मद्देनज़र ये महागठबंधन Mahagathbandhan के दो बड़े घटकों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर हुई इस मुलाकात में तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस प्रभारी अल्लावरु, बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश क्रिक, सांसद मनोज के झा और सांसद संजू यादव भी उपस्थित थे.

17 मई को पटना में होगी Mahagathbandhan की बैठक

बैठक से बाहर निकले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के साथ बैठक पर कहा, “हम सभी ने बैठक की है और काफी सकारात्मक चर्चा हुई है और हम सभी 17 तारीख को पटना में अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ बैठेंगे. हम पूरी तरह से तैयार हैं. हम बिहार को मजबूती के साथ आगे ले जाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. 20 साल से सत्ता में रही राज्य सरकार और 11 साल से केंद्र में NDA सरकार है. इनके 20 साल के सरकार में बिहार में सबसे गरीब है, प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और सबसे ज्यादा पलायन होता है. हम मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं…”

सीएम चेहरे को लेकर क्या बोले तेजस्वी ?

वहीं महागठबंधन के CM चेहरे को लेकर सवाल पूछे जाने पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “पता नहीं आप लोग क्यों चिंतित रहते चहरे पर. ये हम लोगों की चीजे हैं. हमलोग बैठ कर बातचीत करेगे. सारी चीज़ें सामने आ जाएंगी…”

इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने है. एक तरफ जहां बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने की बात कह चुका है, वहीं महागठबंधन में इसको लेकर अभी कुछ साफ नहीं है. खासकर चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने अपने युवा चेहरे कन्हैया कुमार को बिहार भेजा है जो वहां ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा कर रहे है.
इतना ही नहीं पिछले तीन महीने में खुद राहुल गांधी भी 3 बार बिहार का दौरा कर चुके हैं. जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे है कि इस बार कांग्रेस बिहार में छोटे भाई की भूमिका से संतुष्ट नहीं होने वाली है. खासकर इन चर्चाओं के बीच की वक्फ बिल के पास होने के बाद जब नीतीश कुमार का मुसलमान वोट बैंक कांग्रेस की झोली में आ सकता है. कांग्रेस बिहार में एड़ी चोटी का जोर लगाने के मूड में नज़र आ रही है.

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