AYODHYA RAMNAVMI : राम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. ठीक बारह बजे रामलला का सूर्य तिलक हुआ. भगवान सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक का चार मिनट तक अभिषेक करती रहीं. पूरे दुनिया इस दृश्य की साक्षी बनी. सूर्य तिलक को सही तरीके से कराने के लिए इसरो के साथ देश के विभिन्न आईआईटी के वैज्ञानिक इसका पूर्वाभ्यास करते रहे. शनिवार को अंतिम बार इसका सफल ट्रायल किया गया था. रामजन्मोत्सव पर रामलला ने रत्न जड़ित पीले वस्त्र और सोने का मुकुट धारण कर भक्तों को दर्शन दिए। दोपहर ठीक 12 बजे रामजन्म के साथ ही सूर्य की किरणों ने चार मिनट तक रामलला का ‘सूर्य तिलक’ किया. अध्यात्म व विज्ञान के इस अद्भुत संगम को हर कोई अपनी आंखों में बसाने को लालायित दिखा.
#WATCH: राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला का ‘सूर्य तिलक’ किया गया।#RamNavmi #Ayodhya pic.twitter.com/e2isWzY0UW
— Hindustan (@Live_Hindustan) April 6, 2025
AYODHYA RAMNAVMI
इसके पहले सुबह 3:30 बजे से मंदिर के कपाट खोल दिए गए. रामलला का श्रृंगार, राग-भोग, आरती व दर्शन का क्रम चलता रहा। बालक राम सहित उत्सव मूर्ति की मनमोहक छवि के दर्शनकर भक्त मंत्रमुग्ध होते रहे. भजन, स्तुति के बीच जैसे-जैसे घड़ी की सुइयां 12 की ओर बढ़ीं. लोगों की आतुरता भी बढ़ती गई। पुजारी ने मंदिर के कपाट खोले तो घंटा घड़ियाल बजने के साथ ही भक्तों ने भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी… छंद गायन शुरू कर दिया. पूजन के साथ ही भगवान भाष्कर ने रामलला का राजतिलक किया.
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— Pradip Kumar Varma (@PKVarmaRanchi) April 5, 2025
मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें गिरीं. यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में पहुंचीं. पाइप में लगे दर्पण से टकराकर किरणें 90 डिग्री कोण में बदल गई. लंबवत पीतल के पाइप में लगे तीन लेंसों से किरणें आगे बढ़ते हुए गर्भगृह में लगे दर्पण से टकराई।यहां से 90 डिग्री का कोण बनाकर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में रामलला के ललाट को सुशोभित किया.