Waqf amendment bill: वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान बुधवार को संसदीय मंत्री किरन रिजिजू और लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई के बीच तीखी नोक झोक देखने को मिली. एक तरफ जहां संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस की यूपीए सरकार पर निशाना साधा तो अपना भाषण शुरु करने से पहले ही कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने साफ कर दिया कि जो भी मंत्री ने कहा वो झूठ है और वो अपनी बात को प्रमाणित करें. इस बीच अध्यक्ष ओम बिरला मंत्री का बचाव करते नज़र आए.
Waqf amendment bill: रिजिजू की टिप्पणी पर कांग्रेस का तीखा पलटवार
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने 2013 के वक्फ बोर्ड मुद्दे पर संसद को गुमराह करने के लिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की आलोचना की.
रिजिजू ने दावा किया था, “कांग्रेस ने कहा था कि 2013 में कोई भी वक्फ बना सकता है. 5 मार्च, 2014 को यूपीए सरकार ने चुनाव से ठीक पहले 123 प्रमुख संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया.”
इसके जवाब में गोगोई ने कहा, “उन्होंने 2013 के बारे में जो कहा वह भ्रामक है. रिजिजू को अपने बयान के समर्थन में सबूत पेश करने चाहिए.” उन्होंने आगे स्पष्ट किया, “हमने नियमों में संशोधन करके यह निर्धारित किया है कि केवल वे व्यक्ति ही वक्फ बना सकते हैं जो कम से कम पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहे हैं.”
किरेन रिजिजू का यूपीए सरकार पर बड़ा हमला
वक्फ कानूनों में प्रस्तावित बदलावों पर बहस अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू के तीखे हमले के साथ शुरू हुई, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. रिजिजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह ऐतिहासिक संसद भवन को वक्फ परिषदों को सौंपने के लिए तैयार है, जो लंबे समय से विधेयक की मुखर आलोचक रही है और जिसे भाजपा अक्सर “अल्पसंख्यकों को खुश करने” के लिए निशाना बनाती रही है.
कांग्रेस की अपनी कड़ी आलोचना में, रिजिजू ने आगे दावा किया कि पार्टी ने सत्ता में रहने के दौरान वक्फ कानूनों में “संदिग्ध बदलाव” किए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के तहत, 123 प्रमुख इमारतों को डीनोटिफाई किया गया और बाद में वक्फ को सौंप दिया गया.
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