Mobile in Prisoner’s stomach : दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में एक कैदी के पेट में दर्द होने पर जांच की गई तो हैरान करने वाला मामला सामने आया. उसके पेट में मोबाइल था, जो उसने एक साल पहले निगल लिया था. कैदी को पेट में दर्द होने पर दिक्कत अधिक हुई, जिसके बाद उसे अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन के बाद कैदी के पेट से मोबाइल निकाल दिया. डॉक्टरों को यह देखकर हैरत हुई कि एक साल तक पेट में मोबाइल रहने के बाद भी उसे किसी भी तरह संक्रमण नहीं हुआ. कैदी के पेट से मोबाइल निकालने की रिपोर्ट को एशियन जनरल ऑफ केस रिपोर्ट इन सर्जरी ने प्रकाशित किया है. कैदी की उम्र 23 साल बताई जा रही है. जनवरी में उसे पेट में दर्द और सामान्य परेशानी हुई थी. उसके बाद उसकी जांच कराई गई. जनरल फिजिशियन ने पहले उसके पेट का एक्सरा कराया फिर एमआरआई करवाई, जिसमें उसके पेट में कोई बड़ी चीज होने की जानकरी हुई. उसके बाद डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया.
Mobile in prisoner’s stomach : सर्जरी करके निकाला गया मोबाइल फोन
नोएडा पुलिस ने कैदी को दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था. अस्पताल के डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल, डॉक्टर नीलांजना, डॉक्टर नीतू और डॉक्टर हिमांशु तंवर की टीम ने कैदी मरीज का सफल ऑपरेशन किया. उसके पेट से दो टुकड़ों में मोबाइल निकाला. डॉक्टरों ने पहले उसे एंडोस्कोपिक और अन्य इलाज के जरिए निकालने पर चर्चा की गई. लेकिन, बाद में ऑपरेशन के जरिए उसे निकाला गया.
जानबूझकर निगला था मोबाइल
पेट से निकले मोबाइल की लंबाई 5.7 सेमी और चौड़ाई 2.5 सेमी है. डॉक्टरों के मुताबिक, राहत की बात यह है कि मोबाइल की वजह से मरीज के पेट में कोई संक्रमण नहीं हुआ. उसके पेट में सामान्य बीमारी थी. ऑपरेशन के जरिए उसके पेट से मोबाईल निकाल लिया गया है. डॉक्टरों के पूछने पर कैदी मरीज ने बताया कि एक साल पहले उसने जानबूझकर मोबाइल फोन निगल लिया था. जिस मोबाइल को उसने निगला था वह साधारण मोबाइल था. पेट में जाने के बाद वह दो टुकड़ों में बंट गया था. ऑपरेशन के बाद मरीज की हालात में सुधार बताया जा रहा है.