PM Modi in Lok Sabha: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 1975 में आपातकाल लगाने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की.
पीएम मोदी ने संविधान को अपनाए जाने के 75 साल पूरे होने पर दो दिवसीय बहस का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा, ‘‘संविधान को तब फाड़ दिया गया जब इसके 25 साल पूरे हो रहे थे; आपातकाल (1975 में) लगाया गया, सभी संवैधानिक अधिकार छीन लिए गए और देश को जेल में बदल दिया गया.’’
उन्होंने कहा: “नागरिकों के सभी अधिकार छीन लिए गए और मीडिया पर शिकंजा कसा गया. कांग्रेस इस दाग को कभी नहीं धो पाएगी.”
PM Modi in Lok Sabha: आपातकाल संविधान के लिए खतरा था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया राष्ट्रीय आपातकाल संविधान के मूल्यों के लिए खतरा था. पीएम मोदी ने कहा, “जब भारत संविधान की 25वीं वर्षगांठ मना रहा था, तब हमारे लोकतंत्र को कलंकित किया जा रहा था.”
#WATCH भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…जब देश संविधान के 25 वर्ष पूरे कर रहा था उसी समय हमारे संविधान को नोच दिया गया, आपातकाल लाया गया। संवैधानिक व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया, देश को जेल खाना बना दिया गया,… pic.twitter.com/PrX1IsMrJz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के ‘परिवार शासन’ पर हमला बोला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर एक परिवार को 55 साल तक राज करने के लिए हमला किया और कहा कि “वंशवादी राजनीति” ने भारत के संविधान को खतरे में डाल दिया है.
पीएम मोदी ने कहा “मैं यहां किसी का व्यक्तिगत रूप से अपमान करने के लिए नहीं आया हूं. हालांकि, तथ्यों को देश के सामने रखा जाना चाहिए. कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. 75 साल में से 55 साल एक परिवार ने राज किया.”
सीएए महात्मा गांधी के दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करने के कदम का बचाव किया और कहा कि यह महात्मा गांधी के दृष्टिकोण को दर्शाता है कि भारत को पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का सामना कर रहे धार्मिक अल्पसंख्यकों को समायोजित करना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने संविधान की यात्रा की सराहना की
अपने भाषण में मोदी ने 1949 में संविधान को अपनाने के बाद से भारत की यात्रा को “असाधारण” बताया. उन्होंने यह भी कहा कि देश की प्राचीन लोकतांत्रिक जड़ें लंबे समय से दुनिया के लिए प्रेरणा रही हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का लोकतंत्र, इसका गणतंत्रात्मक अतीत बहुत समृद्ध रहा है. यह एक प्रेरणा रही है और इसीलिए आज भारत को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है. हम न केवल एक बड़ा लोकतंत्र हैं, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी हैं.”
उन्होंने संविधान निर्माताओं की भी सराहना करते हुए कहा कि वे देश की परंपरा, संस्कृति और विरासत में विश्वास करते थे.
प्रधानमंत्री ने कहा, “संविधान निर्माता जागरूक थे. वे यह नहीं मानते थे कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था, कि भारत में लोकतंत्र 1950 में शुरू हुआ था. वे यहां की महान परंपरा और संस्कृति में विश्वास करते थे, वे महान विरासत में विश्वास करते थे, हजारों वर्षों की यात्रा में विश्वास करते थे – वे जागरूक थे…”
मोदी ने यह भी कहा कि संविधान द्वारा महिलाओं को मताधिकार दिया गया है और कहा कि देश अब महिलाओं के नेतृत्व में विकास देख रहा है.
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