गुरुवार को अडानी समूह Adani Group ने अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) के लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने आकर्षक सरकारी अनुबंध हासिल करने के लिए 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत दी थी.
Adani Group: जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक आरोपी निर्दोष माना जाता है
अडानी समूह ने एक बयान में कहा, “अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया जाता है.”
एसईसी ने क्या लगाए है गौतम अडानी पर आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने अरबपति गौतम अडानी पर सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग ₹2,100 करोड़) से अधिक की रिश्वत देने की योजना का कथित रूप से हिस्सा होने का आरोप लगाया है.
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए, अडानी समूह के प्रवक्ता ने अमेरिकी न्याय विभाग के बयान की ओर इशारा करते हुए कहा कि “अभियोग में आरोप केवल आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाता है”.
प्रवक्ता ने कहा, “अडानी समूह ने हमेशा अपने संचालन के सभी अधिकार क्षेत्रों में शासन, पारदर्शिता और विनियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हम अपने हितधारकों, भागीदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं, जो सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करता है.”
राहुल गांधी ने की गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग
इससे पहले कांग्रेस दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि गौतम अडानी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उनकी ‘संरक्षक’ माधवी पुरी बुच की जांच होनी चाहिए. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि, “अडानी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुड़े हुए हैं.”
क्या है गौतम अडानी पर आरोप
अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) के अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी पर सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने की योजना में कथित संलिप्तता का आरोप लगाने के बाद आया है.
एसईसी ने गौतम अडानी, सागर अडानी और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी अधिकारी सिरिल कैबनेस पर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने और भारत सरकार के साथ बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी की योजना का आरोप लगाया है.
अमेरिकी बाजार नियामक ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य भारत सरकार से बाजार दर से अधिक कीमत पर उनसे ऊर्जा खरीदने की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करना है, जिससे अडानी ग्रीन और एज़्योर पावर को लाभ होगा.