दीवाली से पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले कर दी है. सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA hiked) में 3% की बढ़ोतरी की गई है, जिससे यह मूल वेतन का 53% हो गया है, जबकि पहले यह 50% था.
कब और क्यों बढ़ाया जाता है महंगाई भत्ता
महंगाई भत्ता मुद्रास्फीति और बढ़ती जीवन-यापन लागत के अनुरूप वेतन के समायोजन को संदर्भित करता है, जिसकी गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आधार पर की जाती है.
केंद्र सरकार साल में दो बार जनवरी और जुलाई में डीए बढ़ाती है, मार्च में होली के आसपास और सितंबर में दीवाली के आसपास इसकी घोषणा की जाती है, और उसके बाद से बढ़ोतरी का बकाया भुगतान किया जाता है.
DA hiked: हरियाणा चुनाव से पहले थी डीए बढ़ोतरी की उम्मीद
इस साल विशेष रूप से, जुलाई के लिए डीए बढ़ोतरी में काफी देरी हुई, क्योंकि इसकी घोषणा मूल रूप से 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा चुनावों से पहले होने की उम्मीद थी.
इसी वजह से केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और श्रमिक परिसंघ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकर्षित किया है. डीए की तरह ही महंगाई राहत (डीआर) में भी बढ़ोतरी की जाएगी. डीआर वही वेतन समायोजन है, लेकिन पेंशनभोगियों के लिए.
चूंकि यह त्योहारी सीजन के आसपास है, इसलिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से उपभोक्ता खर्च को भी बढ़ावा मिल सकता है.
गेहूं की MSP में 150 रुपये की बढोतरी
इसके साथ ही सरकार ने किसानों के लिए दीवाली का तोहफा दिया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, “गेहूं के लिए 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी MSP में की गई है. जौ के लिए 130 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. चने के लिए 210 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. मसूर के लिए 275 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. सरसों के लिए 300 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है.”