Tata Trust new chairman : 9 अक्टूबर को सर रतन टाटा के निधन के बाद अब टाटा ट्रस्ट ने कंपनी की कमान नोएल टाटा Noel Tata सौंप दी है. शुक्रवार को मुंबई में बोर्ड की बैठक में नोयल टाटा को समूह की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया. नोयल टाटा को टाटा समूह की दोनों सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण धर्मार्थ संस्थाओं ‘सर रतन टाटा ट्रस्ट Sir Ratan Tata Trust’ और ‘सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट Sir Dorabji Tata Trust ‘ का चेयरमैन नियुक्त किया गया . नोयल टाटा इन दोनों संस्थाओं में पहले से ट्रस्टी के तौर पर शामिल थे, अब दोनों ट्रस्ट के चेयरमैन नियुक्त कर दिये गये हैं.
Tata Trust new chairman : Noel Tata टाटा समूह में निभाते रहे हैं बड़ी जिम्मेदारियां
रतन टाटा के छोटे और सौतेल भाई Noel Tata इस समूह में एक ट्रस्टी के तौर पर शामिल हुए थे. पिछले कुछ सालों से वो टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड(Tata International Limited) के चेयरमैन भी हैं. नोयल टाटा पिछले चार दशक से टाटा समूह से जुड़े हैं और ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन जैसी कंपनियों के चेयरमैंन भी हैं.इसके अलावा टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन भी हैं. नोएल टाटा का टाटा कंपनी के इकोसिस्टम के साथ गहरा जुड़ाव है.
Ratan Tata Trust की टाटा समूह में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी
स्वर्गीय सर रतन टाटा की Tata Trust को बनाने में बड़ी भूमिका थी. टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी TATA Sons में TATA Trust की एक बड़ी हिस्सेदारी है. TATA Sons में TATA Trust की हिस्सेदारी करीब 66 फीसदी है. टाटा समूह टाटा ट्रस्ट के तहत ही संचालित है. ये ट्रस्ट धर्मार्थ संस्थाओं और एडमिनिस्ट्रेशन की देखरेख के लिए काम करता है.
SDTA के 11वें और STTA के 6ठे चेयरमैन बने नोएल टाटा
इंग्लैंड के ससेक्स यूनिवर्सिटी और INSEAD में IEP यानी इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम से एजुकेटड नोएल टाटा बिजनेस में अपने रणनीतिक कौशल और समूह के लिए प्रतिबद्ध विजन के लिए जाने जाते हैं. नोएल टाटा की उपलब्धियां है कि उन्होंने टाटा समूह को 50 करोड़ डॉलर की कंपनी से उठाकर 3 अरब डॉलर की कंपनी समूह बना दिया.
टाटा समूह को 50 करोड़ डॉलर से 3 अरब डॉलर तक पहुंचाया
नोएल टाटा की उलब्धियों की बात करें तो इन्होंने टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर अपने कार्यकाल में 2010 से 2021 के बीच कंपनी के नेट वर्थ को 500 मिलियन डॉलर यानी पचास करोड़ डॉलर से 3 बिलियन डॉलर से ज़्यादा तक पहुंचाने में सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 1998 में ट्रेंट लिमिटेड कंपनी का सिर्फ एक सिंगल रिटेल स्टोर था . आज ये कंपनी अपने विस्तार के साथ एक बड़े चेन में बदल गई है और नोएल टाटा के नेतृत्व में आज पूरे भारत में ट्रेंट के 700 से अधिक स्टोर्स है.
टाटा संस के चेयरमैन रह चुके हैं नोएल टाटा
रतन टाटा के सौतेल भाई नोएल टाटा पहले भी टाटा संस के चेयरमैन रह चुके हैं. बाद में उन्हें हटाकर उनके साले साइरस मिस्री को चेयरमैन बनाया गया. लेकिन साइरस मिस्त्री के विवादास्पद इस्तीफे के बाद एन चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन बने . इस दौरान खबर थी कि नोएल टाटा की रतन टाटा के साथ कुछ मतभेद थे . हालांकि बाद में ये खबर आई को दोनों के बीच के मतभेद दूर हो गये थे और सुलह के संकेत थे. रतन टाटा और नोएल के एक साथ जुड़ने की खबर से टाटा समूह में एक नया उत्साह आ गया था क्योंकि नेतृत्व में एकता की भावना से कंपनी के के अंदर एकता की भावना बढ़ गई थी.