Kharge letter to PM Modi: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 74वें जन्मदिन पर बधाई देते हुए पत्र लिखा है. कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में पीएम को ये भी याद दिलाया है कि, भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्व भर में जानी जाती है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी से नेता प्रति पक्ष के खिलाफ उनकी पार्टी और सहयोगी दलों द्वारा हो रही हिंसक बयानबाजी को बंद कराने की अपील भी की है.
Kharge letter to PM Modi: पीएम को कांग्रेस अध्यक्ष ने दी जन्मदिन की बधाई
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पत्र में पीएम को आदरणीय कहकर संबोधित करते हुए लिखे पत्र में सबसे पहले बधाई दी. खड़ने ने लिखा, “आदरणीय प्रधानमंत्री जी, सबसे पहले मैं आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई देता हूं.”
इसके बाद खड़गे ने सीधे मुद्दे पर आते हुए हाल के दिनों में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ हो रही टिप्पणियों का जिक्र करते हुए लिखा, “इसके साथ ही ऐसे मुद्दे पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं जो सीधे लोकतंत्र और संविधान से जुड़ा हुआ है.
आप अवगत होंगे कि लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी के ख़िलाफ़ बेहद आपतिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों का सिलसिला चल रहा है.”
बीजेपी और सहयोगी दलों के बयान पर दर्ज कराई आपत्ति
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री का ध्यान उन बयानों की ओर खींचा जिसमें नेता प्रतिपक्ष को जान से मारने तक की धमकी दी गई थी. उन्होंने लिखा, “मुझे दुःख के साथ कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है विश्व हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता को “नंबर एक आतंकवादी” कह रहे हैं. महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की “जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम” देने की घोषणा कर रहे है. दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका “हश्र दादी जैसा” करने की धमकी दे रहे हैं.”
राजनीति में मानकों में से एक अहिंसा की दिलाई याद
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में गांधी जी का जिक्र करते हुए लिखा, “भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्व भर में जानी जाती है. इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया. गांधीजी ने अंग्रेजी राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था. आजादी के बाद संसदीय परिधि में सता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक अहसमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है. इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया.”
लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है
खड़गे ने बीजेपी और सहयोगियों के व्यवहार को लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण बताया. उन्होंने लिखा, “कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर बहुत उद्वेलित और चिंतित हैं. क्योंकि ऐसी घृणा फैलाने वाली शक्तियों के चलते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को शहादत देनी पड़ी है. सत्ताधारी दल का यह राजनीतिक व्यवहार लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है. ”
हिंसक बयानबाजी को बंद कराने की अपील की
“मैं आपसे अनुरोध और अपेक्षा करता हूँ कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगायें उचित आचरण का निर्देश दें ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके. कोई अनहोनी न हो.
मैं भरोसा करता हूं कि आप इन नेताओं को हिंसक बयानों को तत्काल रोकने के बारे में अपेक्षित कार्यवाही करेंगे.”