Thursday, October 17, 2024

PM Modi at CJI’s house: विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने जताई चिंता, न्यायिक पारदर्शिता को लेकर उठाए सवाल

PM Modi at CJI’s house: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गणपति पूजा के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर जाने को विपक्ष खासकर शिवसेना (यूबीटी) नेताओं और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने चिंता जताई है और न्यायिक पारदर्शिता पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर सवाल उठाए हैं.

CJI के घर गणेश पूजा समारोह में शामिल होने पहुंचे पीएम मोदी

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के आवास पर गणेश पूजा समारोह में भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पारंपरिक महाराष्ट्रीयन टोपी पहने भारत के मुख्य न्यायाधीश और उनकी पत्नी के साथ नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर मौजूद थे. वे भगवान गणेश की मूर्ति के सामने आरती और प्रार्थना करते देखे गए.

महाराष्ट्र सरकार को लेकर चल रही सुनवाई पर CJI को शिवसेना (यूबीटी) ने घेरा

इस दौरे पर चिंता जताते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा “प्रधानमंत्री ने मुख्य न्यायाधीश के आवास का दौरा किया और उन्होंने साथ में आरती की. हमारी चिंता यह है कि जब संविधान के संरक्षक इस तरह से राजनीतिक नेताओं से मिलते हैं, तो यह संदेह पैदा करता है. महाराष्ट्र में हमारा मामला, जिसमें वर्तमान सरकार शामिल है, मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सुना जा रहा है और प्रधानमंत्री इसका हिस्सा हैं. हमें इस बात की चिंता है कि क्या हमें न्याय मिलेगा. मुख्य न्यायाधीश को इस मामले से खुद को अलग करने पर विचार करना चाहिए,”

इसके साथ ही संजय राउत ने पीएम के सीजेआई के ही घर जाने को लेकर भी सवाल किए, उन्होंने कहा, “”गणपति उत्सव मनाया जा रहा है और लोग एक-दूसरे के घर जा रहे हैं… मुझे जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री किसी के घर गए हैं या नहीं. दिल्ली में कई जगहों पर गणपति उत्सव मनाया जा रहा है… महाराष्ट्र सदन में भी. हालांकि, पीएम CJI के आवास पर गए, उन्होंने साथ में आरती की. हमें लगता है कि अगर संविधान के संरक्षक राजनीतिक नेताओं से मिलेंगे तो लोगों को संदेह होगा.”

वहीं राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर पोस्ट किया, ” ठीक है. उम्मीद है कि उत्सव समाप्त होने के बाद सीजेआई उचित समझेंगे और महाराष्ट्र तथा महाराष्ट्र में संविधान के अनुच्छेद 10 की घोर अवहेलना पर सुनवाई पूरी करने के लिए थोड़ा स्वतंत्र होंगे. अरे रुको, वैसे भी चुनाव नजदीक हैं, इसे किसी और दिन के लिए स्थगित किया जा सकता है.”

PM Modi at CJI’s house: सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने भी उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि, “यह चौंकाने वाली बात है कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने मोदी को निजी मुलाकात के लिए अपने आवास पर आने की अनुमति दी. इससे न्यायपालिका को बहुत बुरा संकेत मिलता है, जिसका काम नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा कार्यपालिका से करना और यह सुनिश्चित करना है कि सरकार संविधान के दायरे में काम करे. इसलिए कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक दूरी होनी चाहिए.”
उन्होंने न्यायाधीशों को आचरण को लेकर बने कोड और कंडक्ट का हवाला देते हुए लिखा, “न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता: एक न्यायाधीश को अपने पद की गरिमा के अनुरूप एक हद तक अलगाव का अभ्यास करना चाहिए. उसके द्वारा ऐसा कोई कार्य या चूक नहीं होनी चाहिए जो उसके उच्च पद और उस सार्वजनिक सम्मान के प्रतिकूल हो जिसमें वह पद धारण करता है.
संहिता का उल्लंघन”

वहीं, वकील और समाजिक कार्यकर्ता इंदिरा जय सिंह अपने एक्स पर लिखे पोस्ट में एससीबीसी के अध्यक्ष कपिल सिब्बल को टैग करते हुए लिखा, “भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के विभाजन को लेकर समझौता किया है. सीजेआई की स्वतंत्रता में सारा विश्वास खो दिया है. एससीबीए को सीजेआई की कार्यपालिका से स्वतंत्रता के इस सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित समझौते की निंदा करनी चाहिए. @KapilSibal”

वकील इंदरा जयसिंह के पोस्ट पर बीजेपी नेता बी एल संतोष ने लिखा, “रोना शुरू हो गया !!!! शिष्टाचार, सौहार्द, एकजुटता, राष्ट्र यात्रा में सहयात्री ये सब इन वामपंथी उदारवादियों के लिए अभिशाप हैं. साथ ही यह सामाजिक मेलजोल नहीं था, बल्कि एक समर्पित गणपति पूजा को पचाना बहुत मुश्किल है. SCBA कोई नैतिक कम्पास नहीं है. एक बार गहरी सांस लें.”

विपक्ष ने भी की पीएम के सीजेआई के घर जाने की निंदा

इस मामले पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा, “इसका मतलब है कि बीएल संतोष (भाजपा नेता) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए पूजा का इस्तेमाल करती है. भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कल की पूजा (प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सीजेआई चंद्रचूड़ के आवास पर गणेश पूजा में भाग लेना) के पीछे का मकसद माहौल को खराब करना था.”
वहीं, आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा, “हर संस्थान की स्वतंत्रता सिर्फ़ सैद्धांतिक नहीं होनी चाहिए, बल्कि दिखनी भी चाहिए. गणपति पूजन में शामिल होना एक बहुत ही निजी मामला है, लेकिन इससे असहज संदेश जाता है.”

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