freedom from traffic jams: मंगलवार को वाराणसी में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल और जिला मजिस्ट्रेट एस राजलिंगम ने सभी ई-रिक्शा पर क्यूआर कोड चिपकाने का अभियान शुरू किया. नगर प्रशासन ने पहले ई-रिक्शा के लिए रूट तय थे और अब इनपर क्यूआर कोड लगाये है जो उनके चलने के अधिकृत रूट को दर्शाएंगे. यह अभियान ई-रिक्शा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है.
#CP_VNS @mhtagarwal के निर्देशन में सुगम यातायात के दृष्टिगत ई-रिक्शा के लिये नई यातायात प्रणाली लागू, QR Code से निर्धारित रूट पर चलेंगे ई-रिक्शा #UPPolice #PoliceCommissionerateVaranasi pic.twitter.com/ZNihz0JqFk
— POLICE COMMISSIONERATE VARANASI (@varanasipolice) September 10, 2024
तीन ज़ोन में बंटा गया शहर, ई-रिक्शा के लिए 5 रूट तय किए गए
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि पहले करीब 20 हजार ई-रिक्शा थे, अब इनकी संख्या बढ़कर करीब 30 हजार हो गई है. इसके चलते शहर की सड़कों पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. इस समस्या से निपटने के लिए ई-रिक्शा के लिए रूट तय किए गए हैं. पूरे जिले को तीन जोन में बांटा गया है और हर जोन में ई-रिक्शा के लिए 5 रूट तय किए गए हैं. हर रूट के लिए एक रंग तय किया गया है. रूट के हिसाब से इन रंगों के स्टीकर ई-रिक्शा पर चिपकाए गए हैं. उन्होंने बताया कि ई-रिक्शा पर लगे स्टीकर और क्यूआर कोड के जरिए उनके रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और फिटनेस की जांच की जा सकेगी. इन दिनों नाबालिगों ने ई-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया है, उन पर भी रोक लगाई जाएगी.
freedom from traffic jams: क्यूआर कोड की यह व्यवस्था कोई प्रतिबंध नहीं-जिलाधिकारी
जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि ई-रिक्शा की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई है. ऐसे में इस समस्या से निजात दिलाने के लिए क्यूआर कोड और स्टीकर अभियान चलाया गया है. जोनवार व्यवस्था एक समाधान है. उन्होंने कहा कि क्यूआर कोड की यह व्यवस्था कोई प्रतिबंध नहीं है, यह एक समाधान है और इससे किसी को कोई परेशानी नहीं होगी.
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