Vinesh Phogat Grand Welcome : केवल मात्र 100 ग्राम के कारण ओलंपिक के गोल्ड मेडल से दूर रहने वाली विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला एक बार फिर से टल गया है. उम्मीद जताई जा रही थी कि विनेश फोगाट के मेडल पर सोमवार यानी 13 अगस्त को फैसला आ जायेगा लेकिन कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने इस मामले में फैसला अब 16 अगस्त तक केलिए टाल दिया है. अब फैसला 16 अगस्त को भारतीय समय के अनुसार रात्रि 9.30 बजे आयेगा.
Vinesh Phogat Grand Welcome: गोल्डन गर्ल की तरह ही होगा स्वागत- महावीर फोगाट
विनेश फोगाट अपने ओलंपिक टीम के साथ स्वदेश वापस लौट रही है. विनेश फोगाट की वापसी को लेकर उनके चाचा महावीर फोगाट का कहना है कि विनेश ने भले ही गोल्ड मेडल ना जीता तो लेकिन उनका स्वागत वो एक गोल्डन गर्ल के रुप में ही करेंगे. उन्हें उम्मीद है कि विनेश को उसका सिल्वर मेडल जरुर मिलेगा.
विनेश को संन्यास तोड़कर अगले ओलंपिक मे खेलने के लिए मनायेंगे
विनेश फोगाट के चाचा महावीर फोगाट का कहना है कि वो और उनका पूरा परिवार विनेश से संन्यास तोड़कर रिंग में वापस लौटने के लिए मानायेंगे. अगर वो मान गई तो अगले ओलंपिक के लिए तैयारी शुरु कर दी जायेगी.
पेरिस ओलंपिक में फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित हुई विनेश फोगाट
आपको बता दें कि पेरिस ओलंपिक 2024 में हरियाणा की बेटी विनेश फोगाट 53 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर फाइनल में प्रवेश कर गई थी, वहीं फाइनल मुकाबले वाले दिन उनका वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक निकला. तय सीमा से अधिक वजन होने के कारण विनेश फोगाट फाइनल मुकाबले के लिए अयोग्य घोषित कर दी गई और फाइनल में कांस्य पदल विजेता खिलाड़ी को खेलने के मौका मिल गया. उस खिलाड़ी को फाइनल में खेलने का मौका मिल गया, जिसे विनेश फोगाट ने हराकर सिल्वल मेडल जीता था.
फाइनल मुकाबले के लिए अयोग्य घोषित होने के साथ ही ओलंपिक संघ ने विनेश फोगाट से उनका सिल्वर मेडल भी वापस ले लिया क्योंकि ओलंपिक में रेसलिंग के नियम के मुताबिक जिस भार वर्ग में जो खिलाड़ी मेडल जीतता है उसे अगले दिन भी उसी भार वर्ग मे रहना पड़ता है. जबकि विनेश फोगाट का वजन सिल्वर मेडल जीतन के अगले दिन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक निकला . यही कारण है कि ओलंपिक संघ में अब विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल का मामला भी कानूनी दांव-पेंच के घेरे में है. भारतीय खेल प्रेमियो की निगाह कोर्ट और कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) के फैसले पर टिकी है.