एक बार फिर भारतीय मूल के ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद नज़र आ रही है. 20 अक्टूबर को लिज ट्रस के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब एक बार फिर ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव होने जा रहा है.
लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद से आर्थिक संकट झेल रहे ब्रिटेन में सियासी संकट भी खड़ा हो गया है. देश को एक बार फिर अपने लिए प्रधानमंत्री चुनना है. ब्रिटेन की इस राजनीतिक अस्थिस्था का सीधा फायदा ऋषि सुनक को होता नज़र आ रहा है. फिलहाल वह देश के प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. ऋषि सुनक के अलावा इस रेस में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य पेनी मोर्डौंट का भी नाम शामिल है.
लिज ट्रस 20 अक्टूबर को ये कहते हुए प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था कि वह जिन वादों को कर सत्ता में आई थी उसे पूरा नहीं कर सकती इसलिए वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे रही है. लिज ट्रस ने सीधे मुकाबले में भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हरा के सत्ता हासिल की थी. लेकिन उनके सत्ता छोड़ने के बाद अब फिर सियासी संकट खड़ा हो गया है.
ऋषि सुनक को मिला 100 कंजर्वेटिव नेताओं का समर्थन
लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद ऋषि सुनक की दावेदारी काफी मज़बूत हो गई है. नामांकन प्रक्रिया की दौड़ में सुनक ने बाजी मारते हुए नामांकन के लिए जरूरी 100 कंजर्वेटिव नेताओं का समर्थन हासिल कर लिया है. आपको बता दें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के लिए 24 अक्टूबर को नामांकन का आखिरी दिन है. लिज के इस्तीफे के बाद सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के पास नए प्रधानमंत्री को शपथ दिलाने के लिए सिर्फ एक सप्ताह का समय है.
चुनाव होने पर कजर्वेटिव पार्टी को हार का है डर
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को लेकर हुए सर्वे के अनुसार अगर अभी ब्रिटेन में चुनाव होता है तो कजर्वेटिव पार्टी को बड़ी हार का मुंह देखना पड़ सकता है. इसलिए कजर्वेटिव पार्टी अभी चुनाव नहीं चाहती है.