Monday, March 10, 2025

प्रयागराज में संघ प्रमुख मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ में हुई खास मंत्रणा

प्रयागराज

सीएम योगी की आरएसएस प्रमुख से खास मुलाकात

11 दिन के प्रवास पर प्रयागराज पहुंचे RSS प्रमुख मोहन भागवत से मिलने यूपी सीएम गुरुवार को उनकेपास पहुंचे. सीएम योगी ने करीब एक घंटे तक उनसे बंद कमरे मे बातचीत की. बताया जा रहा है कि उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर विस्तार से बात किया,साथ ही सीएम योगी ने उन्हें अयोध्या दीपोत्सव में आने के लिए व्यक्तिगत रुप से निमंत्रण दिया.

सीएम योगी और आरएसएस प्रमुख की करीब एक घंटे चली चर्चा में कई मुद्दों पर बात हुई. राजनीतिक खींचतान और भाजपा का वोट बैंक कैसे बढ़े, किन क्षेत्रों में काम करके अन्य राजनीतिक दलों के वोट बैंक को अपने पाले में किया जा सकता है. इन विषयों पर बात हुई.

यह बैठक कितनी महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इससे लगता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति गत 19 अक्टूबर को समाप्त हो गई, इसके बावजूद  सरसंघचालक मोहन भागवत प्रयागराज में रुके रहे. आम तौर पर ऐसा होता नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबित ये एक बड़ी रणनीति का एक हिस्सा है.

आरएसएस कार्यकारिणी की बैठक

देशभर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महत्वपूर्ण पदाधिकारी और जमीनी स्तर पर संघ के कार्यकर्ता जो अनुभव लाए उसे इस बैठक में रखा गया. सामान्य तौर पर इस बैठक में सरसंघचालक के विजयदशमी पर्व पर दिए गए उद्बोधन पर चर्चा होती है,लेकिन जो संघ को करीब से जानते हैं वह यह जानते हैं कि कुछ ऐसे मुद्दे होते हैं जिन पर संघ बाहर बाद में बोलता है, पहले अपने ही अंदर उस पर चर्चा करता है. संघ रणनीति बनाता है कि किस तरह वह अपनी योजना को अमल में लायेगा. ऐसा ही इस बार भी हुआ है. संघ के लोगों द्वारा जो फीडबैक मिला है, कमियों को कैसे दूर किया जाए तथा क्या रणनीति बनाकर विपक्षियों को सीमित किया जा सकता है, पर संवाद हुआ है.

यह बैठक कितनी महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर मोहन भागवत से मिलने पहुंचे और वार्ता करने के बाद वापस लौट गए. कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुख्यमंत्री का पद भी योगी आदित्यनाथ को मोहन भागवत जी के आशीर्वाद से ही मिला है. भगवा और हिंदू दो रास्ते संघ की पहली पसंद है. इन दो रास्तों पर योगी आदित्यनाथ बखूबी चल रहे हैं. यह रास्ता संघ को भा भी रहा है.

जनसंख्या नियंत्रण है चुनौती-संघ

संघ के सामने जनसंख्या नियंत्रण बड़ी चुनौती है. उन्हें डर है कि जिस तरीके से गैर हिंदू बढ़ रहे हैं तथा उनका धर्मांतरण हो रहा है ,यह आने वाले दिनों में भारत के लिए विभाजन कारी होगा. संघ अब हर हालत में जनसंख्या संतुलन चाहता है. गैर हिंदुओं द्वारा बड़ी संख्या में बच्चे पैदा करके संख्या बढ़ाने को वह सही नहीं मानता. यही वजह है कि जो कानून बने हैं, उसके तहत जनसंख्या नियंत्रण पर वह अमल चाहता है. यह काम सत्ता में बैठे लोगों द्वारा ही हो सकता है.

भ्रष्टाचार पर नियंत्रण जरुरी -संघ

भ्रष्टाचार भी संघ की बड़ी चिंताओं में से एक है. इससे जनसामान्य में गलत छवि जाती है. इसी तरह भाजपा शासित राज्यों में बेरोजगारी के लिए अब संघ सीधे तौर पर अपने समर्थकों स्वयंसेवकों को उतारने का मन बना चुका है.

इन सब कार्यों के लिए सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों का सहयोग जरूरी है। जिससे वह इन कार्यों को आसानी से कर सके। संघ हर हालत में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत देखना चाहता है. इसके लिए जरूरी है कि उत्तर प्रदेश में आपसी खींचतान को छोड़कर एक साथ लगकर लोकसभा का लक्ष्य पाया जा सके. योगी की छवि लगातार निखरती आ रही है. उत्तर प्रदेश के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ परिवर्तन चाहता है। इन्हीं सब बातों को लेकर सरसंघचालक और योगी जी के बीच आपसी चर्चा हुई है.

गत चुनाव में अखिलेश यादव के पिछड़ जाने के बाद , नई बनी परिस्थिति में उत्तर प्रदेश में यदि भाजपा की स्थिति और मजबूत होती है या वोट बैंक नहीं सरकता तो उसके लिए लोकसभा का लक्ष्य आसान होगा. यह रास्ता और आसान हो सके इसके लिए योजना पर कार्य करने पर चर्चा हुई है, ऐसा संघ के जानकार बताते हैं.

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