Chhattisgarh Vidhan Sabha session: शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा से विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट किया. कांग्रेस का आरोप था कि प्रदेश सरकार राज्य में पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध कराने और राज्य में मानसून के चलते पानी से संबंधित बीमारियों में हुई वृद्धि को रोकने में नाकामियाब रही. कांग्रेस सदस्यों ने सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि जलजनित और वेक्टर जनित बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं और सरकार इसे रोकने में असमर्थ है.
स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई कहना गलत-मंत्री
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह कहना सही नहीं है कि मानसून की शुरुआत के साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई है.
मंत्री ने कहा कि सरकार डायरिया और मलेरिया जैसी बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए काम कर रही है और फरवरी और जून में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. उन्होंने कहा कि रैपिड रिस्पांस टीमें भी बनाई गई हैं और दवाओं का स्टॉक किया गया है.
Chhattisgarh Vidhan Sabha session: सरकार ने उठाए कदम की दी जानकारी
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने इसके साथ ही सरकार के उठाए कदमों की जानकारी देते हुए कहा, “कुल 1,015 रैपिड रिस्पांस टीमें बनाई गई हैं और बरसात के मौसम में 1,371 दुर्गम गांवों और 1,183 महामारी-ग्रस्त गांवों की पहचान की गई है. दवाओं का पूरा स्टॉक तैयार कर लिया गया है.” स्वास्थ्य मंत्री ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि पिछले एक सप्ताह में बिलासपुर, बीजापुर, दुर्ग, कवर्धा और जांजगीर-चांपा जिलों सहित पूरे राज्य में हजारों लोग मलेरिया और डायरिया से पीड़ित पाए गए और उन्हें पर्याप्त उपचार नहीं मिल रहा है.
भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का हवाला दे सरकार पर साधा निशाना
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि सरकार मलेरिया और डायरिया से होने वाली मौतों को छिपाने की कोशिश क्यों कर रही है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने मामलों में वृद्धि का स्वतः संज्ञान लिया था और अधिकारियों को नोटिस जारी किया था. बघेल ने मलेरिया की रोकथाम के लिए किए गए परीक्षणों की संख्या और इस बीमारी के कारण हुई मौतों की संख्या भी जानना चाही. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मलेरिया की जांच के लिए 3.57 मिलियन परीक्षण किए गए, जिनमें से 12,242 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए, जबकि बीमारी के कारण केवल 15 मौतें हुईं.
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