सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (16 जुलाई) को दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत के लिए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया Manish Sisodiaद्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा है.
29 जुलाई को होगी Manish Sisodia की जमानत पर अगली सुनवाई
न्यायमूर्ति बी.आर.गवई की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने दोनों केंद्रीय एजेंसियों को नोटिस जारी करने के साथ ही मामले की अलगी सुनवाई 29 जुलाई के लिए तय कर दी. मनीष सिसोदिया पर दिल्ली की अब खत्म हो गई शराब नीति तैयार करने से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन के आरोप हैं. कहा गया कि उन्होंने रिश्वत के बदले में कुछ साउथ लॉबी को लाभ पहुंचाया.
मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में क्या दलील दी
मनीष सिसोदिये के वकील ने अदालत को याद दिलाया की 4 जून को सीबीआई और ईडी दोनों के लिए पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में एक वचनबद्धता दर्ज की थी, कि 3 जुलाई, 2024 को या उससे पहले ट्रायल कोर्ट में अंतिम आरोपपत्र/अभियोजन शिकायत दायर की जाएगी.
मंगलवार को, मनीष सिसोदिया का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी और अधिवक्ता विवेक जैन ने कहा कि तब और आज के दिन मुकदमे में शायद ही कोई बदलाव आया है. इसलिए शीर्ष अदालत को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करते समय उनकी (मनीष सिसोदिया) की लंबी कैद पर विचार करना चाहिए.
सीबीआई ने क्या दिया था आश्वासन
इसके साथ ही सिसोदिया के वकील ने ये भी कहा कि, पिछले साल 30 अक्टूबर को अभियोजन पक्ष ने शीर्ष अदालत में इसी तरह का आश्वासन दिया था, जो सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार कर रही थी, कि सीबीआई/ईडी अगले छह से आठ महीनों में जांच आगे बढ़ाते हुए आपराधिक मुकदमे को समाप्त करने के लिए कदम उठाएगी. सिसोदिया के वकील जैन ने मंगलवार को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अक्टूबर 2023 में अदालत को दिए गए वादे का हवाला देते हुए दोहराया कि मुकदमे में देरी जारी है और उनके क्लाइंट सिसोदिया को देरी का खामियाजा नहीं उठाना चाहिए.