अयोध्या: 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी, तबसे अयोध्या का मान फिर से बढ़ता चला गया. इसकी गूंज विदेशों तक पहुंचती रही. देश-प्रदेश के पर्यटक तो यहां आ ही रहे थे साथ ही विदेशी पर्यटकों की भी तादाद बढ़ी.साढ़े 5 वर्षों में मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव, पौराणिक स्थलों के नवनिर्माण व पुनरुद्धार आदि की बदौलत अयोध्या में आध्यात्म, संस्कृति व विकास की नई राह दिखाई, जिस पर भारत के बाहर से आए पर्यटक भी नतमस्तक रहे. उन्होंने माना कि अयोध्या अपने गौरवशाली अतीत के साथ समृद्धशाली वर्तमान की नई कहानी कह रहा है. दीपोत्सव ने भी अयोध्या के पर्यटन को नई उड़ान दी है.
योगी सरकार बनने के बाद से अयोध्या ने न सिर्फ आध्यात्मिक, बल्कि सांस्कृतिक ऊंचाइयों को भी छुआ है. श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो चुका है. कई सदियों से मंदिर की राह देख रहे श्रद्धालुओं को जब इसकी खुशी मिली, तब वे खुद को यहां आकर शीश नवाने से रोक न सके. शपथ लेने के उपरांत योगी सरकार ने सबसे पहले यहां के गौरव को पुनः लौटाने का जो संकल्प लिया, आज वह फलीभूत हो चुका है. प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम में बढ़ोतरी होती गई. इसके प्रति आस्था का दीप जलाने लोग सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बलकि देश के सभी प्रांतों के साथ विदेशों की धऱती से भी यहां आने लगे.
कोरोना वर्ष के महज 3 माह में 2600 से अधिक विदेशी पर्यटक पहुंचे
मार्च 2020 में कोरोना ने समूचे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया. महज जनवरी से मध्य मार्च तक यहां 2600 से अधिक पर्यटक पहुंचे. वहीं 2022 के छह माह में यह संख्या 26403 रही. 2017 से अगस्त 2022 के बीच यहां 1, 11, 242 विदेशी पर्यटक पहुंचे. उत्तर प्रदेश की सरकार ने यहां की दशा बदल दी है. अयोध्या हर क्षेत्र में अब बदला बदला सा है.
2022 के 6 महीने में ही 2 करोड़ से अधिक भारतीय पर्यटक पहुंचे
भारत के हर कोने से भी पर्यटकों का यहां पहुंचना जारी रहा. 2022 के महज 6 महीने(जनवरी से अगस्त) के बीच ही अयोध्या में 2 करोड़ से अधिक भारतीय पर्यटक पहुंचे. 2019 में भी यह संख्या 2 करोड़ से अधिक थी.