शराब नीति घोटाले में जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal की रिहाई की उम्मीद को बड़ा झटका लगा है. सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार 10 मई को अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाने से पहले ईडी दिल्ली के सीएम के खिलाफ शराब नीति घोटाले में चार्जशीट दाखिल करेगी. ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल को आरोपी बनाए जाने की पूरी संभावना हैं. प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि उसने अरविंद केजरीवाल से जुड़े मनी ट्रेल का पता लगा लिया है. कल सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर भी सुनवाई कर सकता है.
ईडी ने कोर्ट में किया Arvind Kejriwal की अंतरिम जमानत का विरोध
इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर ईडी ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध किया.
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि “चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, न ही संवैधानिक अधिकार और यहां तक कि कानूनी अधिकार भी नहीं”
ईडी ने कहा ‘किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही वह चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार न हो.’ इसके साथ ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि “यह एक मिसाल कायम करेगा जो सभी बेईमान राजनेताओं को अपराध करने और चुनाव की आड़ में जांच से बचने की अनुमति देगा”.
कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर क्या कहा था
सोमवार 7 मई को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि केजरीवाल “दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री” हैं और वह आदतन अपराधी नहीं हैं. न्यायाधीशों ने आगे कहा कि स्थिति “असाधारण” है क्योंकि आम चुनाव पांच साल में एक बार होते हैं.
इसके साथ ही न्यायमूर्ति खन्ना ने कार्यवाही के दौरान कहा था कि “अंतरिम जमानत देते समय, हम जांच करते हैं कि क्या कोई दुरुपयोग होगा या क्या व्यक्ति एक कठोर अपराधी है. यहां ऐसा मामला नहीं है”.
इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से कहा था, हम नहीं चाहते कि अगर आपको अंतरिम जमानत दी गई तो आप आधिकारिक कर्तव्य निभाएं. सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर उन्हें अंतरिम जमानत मिल जाती है तो वह उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित किसी भी फाइल का निपटारा नहीं करेंगे.