Israel Palestine War: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक साहसिक रुख अपनाता हुए फिलिस्तीन के समर्थन में एक बड़ा बयान दिया है. भारत ने ने फिलिस्तीनियों के साथ देश के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को दोहराया और कहा कि बड़े पैमाने पर नागरिकों की जान का नुकसान अस्वीकार्य है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत रुचिरा कंबोज ने भारत और फिलिस्तीन के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि तनाव को रोकने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्षेत्र के नेताओं के साथ निकट संपर्क बनाए हुए है.
भारत ने 2 राज्य समाधान का समर्थन किया
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भारत ने फिलिस्तीन को लेकर बड़ा बयान देते हुए इजरायल और फिलिस्तीन के लिए 2 राज्य समाधान का समर्थन किया. भारतीय दूत कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, “… भारत दो-राज्य समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फिलिस्तीनी लोग इजरायल की Israel Palestine War सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं.” 18 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र में प्रवेश के लिए फिलिस्तीन के आवेदन पर सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य अमेरिका के वीटो लगाए जाने के बाद बुधवार को यूएनजीए की बैठक में, कम्बोज ने उम्मीद जताई कि फिलिस्तीन की सदस्यता पर उचित समय पर पुनर्विचार किया जाएगा.
भारत के इस बयान को इजराइल के खिलाफ देखा जा रहा है क्योंकि इजरायल के प्रधानमंत्री फिलिस्तीनी राज्य को खतरे के रूप में देखते हैं.
भारत ने की हमास की आलोचना
बैठक के दौरान भारत ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल के ऊपर हमास ने हमला पर अपना पक्ष रखते हुए इज़राइल पर किए गए हमले की निंदा की, लेकिन यह भी कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों का सभी परिस्थितियों में सभी को सम्मान करना चाहिए” भारत ने गाजा में फंसे इजरायली बंधकों की बिना शर्त रिहाई की भी मांग की.
फिलिस्तीन की आगे भी करते रहेंगे मदद-कंबोज
फिलिस्तीन को भेजी जा रही मानवीय सहायता पर भारतीय दूत कंबोज ने कहा कि भारत फिलिस्तीनियों को मदद देना जारी रखेगा. उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए गाजा के लोगों को मानवीय सहायता तुरंत बढ़ाई जाए. हम सभी पक्षों से इस प्रयास में एक साथ आने का आग्रह करते हैं.”
ये पहला मौका नहीं है जब भारत ने इजराइल के खिलाफ अपने विचार रखे हो. इससे पहले नवंबर 2023 में भी भारत ने फ़िलिस्तीन में इज़रायली बस्तियों की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था.
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