बुधवार को ‘जन अधिकार पार्टी’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव कांग्रेस पार्टी Pappu Yadav Joined congress में शामिल हो गए. इसके साथ ही उन्होंने अपनी ‘जन अधिकार पार्टी’ का भी कांग्रेस में विलय कर लिया. पप्पू यादव के इस फैसले पर बीजेपी और जेडीयू ने कहा कि किसी के कही भी जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता
पति-पत्नी एक जगह चले गए ये अच्छी बात है
पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने पर जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा, ये मुख्य धारा की राजनीति के लिए कांग्रेस में गए हैं। पति-पत्नी एक जगह चले गए ये अच्छी बात है.
#WATCH ये मुख्य धारा की राजनीति के लिए कांग्रेस में गए हैं। पति-पत्नी एक जगह चले गए ये अच्छी बात है: पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने पर जदयू नेता नीरज कुमार, पटना https://t.co/9gff4mrRYs pic.twitter.com/UmKivDShGJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 21, 2024
कोई कहीं भी ज्वाइन कर ले लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता
तो वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पप्पू यादव के कांग्रेस में जाने और अशोक मेहतो के शादी के बाद राबड़ी देवी के आवास आशिर्वाद लेने पहुंचने पर कहा, “कोई कहीं भी ज्वाइन कर ले लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिहार की 40 की 40 सीटें हम जीतने वाले हैं…”
#WATCH पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “कोई कहीं भी ज्वाइन कर ले लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिहार की 40 की 40 सीटें हम जीतने वाले हैं…” pic.twitter.com/cs0up8ohfw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 20, 2024
गांधीवादी कौन है कौन नहीं, इसका सर्टिफिकेट पप्पू यादव देंगे तो चिंता का विषय है
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए और पप्पू यादव पर तंज कसते हुए कहा कि कौन किस नेता के लिए क्या कह रहा है इस पर हम टिप्पणी क्या करें? पप्पू यादव अगर कांग्रेस में शामिल होकर गांधीवादी की बात कर रहे हैं और ये कह रहे हैं कि कौन गांधीवादी है कौन नहीं और इसका सर्टिफिकेट भी अगर पप्पू यादव देने लगें तो अपने आप में बहुत चिंता का कारण है.
पप्पू यादव के कांग्रेस में जाने से क्या इंडिया गठबंधन को होगा फायदा
सीमांचल की मधेपुरा, सुपौल और पूर्णिया सीट पर मजबूत पकड़ रखने वाले पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने और कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया की सीट से चुनाव लड़ने पर एनडीए के लिए ये सीट निकालना मुश्किल हो जाएगा.
आपको बता दें, पहली बार पप्पू यादव 1991 लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से जीत थे इसके बाद कुल 5 बार वो सांसद चुने गए. 3 बार उन्होंने पूर्णिया से तो 2 बार मधेपुरा सीट से जीत हासिल की.
सीमांचल के इलाके में पप्पू यादव की कितनी मज़बूत पकड़ है इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते है कि 2004 में पप्पू यादव के लिए खुद लालू यादव ने अपनी मधेपुरा सीट खाली कर दी थी.
पप्पू यादव का राजनीतिक सफर
1967 में जन्मे पप्पू यादव 23 साल की उम्र में यानी 1990 में पहली बार विधायक बने. वह बिहार की सिंहेश्वर विधानसभा सीट से निर्दलीय जीतकर सदन पहुंचे थे.
इसके बाद 1991 में वो सांसद बन गए. 1991 में पूर्णिया सीट से जीते पप्पू यादव कुल 5 बार सांसद रहे. 3 बार उन्होंने पूर्णिया से तो 2 बार मधेपुरा सीट से उन्होंने जीत हासिल की. 2015 में पप्पू यादव ने लालू यादव का साथ छोड़ अपनी जन अधिकार पार्टी बनाई. ऐसा कहा जाता है कि लालू यादव के बाद पार्टी का नेता कौन होगा ये सवाल पूछना उनको भारी पड़ गया था और 5 अप्रैल 2015 में पटना के मौर्या होटल में हुई राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के एक महीने बाद उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में आरजेडी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
वैसे पप्पू यादव की पत्नी भी 2 बार सांसद बन चुकी हैं. पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन अभी कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं.
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