लखनऊ : मदरसों के सर्वेक्षण को लेकर एक और विवाद शुरू हो गया है.प्रदेश के अल्पसंख्यक एवं वक्फ मामलों के मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि मदरसा सर्वेक्षण में मदरसों को होने वाली फंडिंग की भी जाँच की जायेगी और इसके साथ ही मदरसों में पढ़ाने वाले अयोग्य शिक्षकों की भी जाँच की जायेगी. ऐसा इन शिक्षकों की योग्यता पर संदेह के चलते किया जा रहा है.
कैबिनेट धर्मपाल सिंह का कहना है कि प्रदेश की सरकार मदरसों का सर्वे अच्छी मंशा से करा रही है और हम मदरसों में बेहतर शिक्षा का प्रबंध कर रहे हैं इसलिए मदरसों में अब एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है और किताबों के लिए छात्रों के अभिभावकों के खातों में पैसे भेजे जा रहे हैं.
उन्होंने केंद्र सरकार दवारा PFI पर बैन लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि प्रदेश में मदरसों में फंडिंग की भी जाँच की जायेगी. फंडिंग के स्रोतों को सामने लाने का काम किया जायेगा. शिक्षकों की पड़ताल भी की जायेगी क्योंकि जो अयोग्य शिक्षक पढ़ा रहे हैं उन पर संदेह बना हुआ है कि वो किस के माध्यम से मदरसों में शिक्षक के पद पर बने हुए हैं. कहीं इनका सम्बन्ध किसी ऐसे संगठन से तो नहीं जो देश के युवाओं को भड़का कर आतंकवाद की राह पर ले जाने का काम करते हैं.