पटना, (अभिषेक झा-ब्यूरो चीफ): नीतीश कैबिनेट का विस्तार Bihar Cabinet Expansion एक बार फिर टल गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि अब शुक्रवार को नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों की इंट्री होगी. पहले आज यानी गुरुवार को कैबिनेट विस्तार की चर्चा थी.
क्यों टला Bihar Cabinet Expansion
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने कैबिनेट विस्तार के लिए लिस्ट नहीं सौंपी है. वहीं चर्चा ये भी है कि जेडीयू कोटे से लगभग सभी पहले से मंत्री रहे चेहरों को ही मौका मिलेगा, सिर्फ संजय झा की जगह महेश्वर हजारी को मंत्री बनाया जाएगा. हलांकि ये कहा जा रहा है कि जेडीयू कोटे से बनने वाले तमाम मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं.
शिक्षा मंत्री बनेंगे सुनील कुमार
जानकारी के मुताबिक, जेडीयू कोटे से पूर्व व इस कैबिनेट में शामिल होने वाले सुनील कुमार को शिक्षा मंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी जा सकती है. ऐसी सियासी गलियारों में चर्चा है कि जेडीयू कोटे से पूर्व मध निषेध मंत्री सुनील कुमार और तत्कालीन मध निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के बीच तालमेल बेहतर था और कभी टकराव की स्थिति सामने नहीं आई, इसलिए इस बार जेडीयू कोटे से पूर्व मध निषेध मंत्री सुनील कुमार को शिक्षा विभाग का मंत्री बनाया जाएगा. क्योंकि के के पाठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के तौर पर बने हुए हैं.
बीजेपी देगी नए चेहरों को जगह, जाति समीकरण का भी रखा जाएगा ख्याल
वहीं, आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, बीजेपी कैबिनेट विस्तार में नए चेहरे को मौका दे सकती है. जातिगत, क्षेत्रिय समीकरण को इस कैबिनेट विस्तार के माध्यम से बीजेपी साधने की कवायद में है.
लव कुश, कुशवाहा जाति समेत कई मुख्य अति पिछड़ी जाति को ध्यान में रखते हुए बीजेपी चेहरे को प्रोजेक्ट करेगी. वहीं सवर्ण जाति को भी ध्यान रखा जाएगा, ताकि कोई खास वर्ग नाराज न हो जाए.
बात अगर आकड़ों की करें तो बिहार में अतिपिछड़ा 36% हैं. तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए बीजेपी इस कैबिनेट विस्तार में चेहरे शामिल करेगी. कुछ पुराने चेहरे शाहनवाज हुसैन, मंगल पाण्डेय, नितिन नवीन, सहित कुछ दूसरे दल से आए विधायक को मौका बीजेपी दे सकती है.
लोकसभा के लिए सीट शेयरिंग भी हुई फाइनल
जानकारी के मुताबिक, सीट शेयरिंग को लेकर भी NDA में तमाम घटक दलों के बीच फार्मूला तय हो चुका है. किसी भी वक्त अधिकारिक घोषणा हो सकती है. सीट शेयरिंग फाइनल होने के बाद ही नई एनडीए सरकार के 45 दिन बीत जाने के बाद बिहार में कैबिनेट विस्तार संभवतः शुक्रवार शाम को होने जा रही है. बीजेपी के इन तमाम स्टेप से साफ संकेत है कि बिहार में इस बार बीजेपी किसी भी मुद्दे पर जल्दबाजी नहीं, बल्कि “Balance and Safe Mode” में आगे बढ़ रही है.