वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर Gyanvapi Mosque में मौजूद व्यास तहखाने को लेकर वाराणसी की जिला अदालत ने एक बड़ा फैसला दिया है. अदालत ने आदेश दिया है कि अब तहखाने में जाकर हिंदु पक्ष के लोग पूजापाठ कर सकते हैं.अदालत ने सात दिन के अंदर प्रशासन को पूजा के अधिकार को बहाल कराने का आदेश दिया है.
Varanasi court permits Hindu side to offer prayers at Gyanvapi mosque complex
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— ANI Digital (@ani_digital) January 31, 2024
Gyanvapi Mosque में मस्जिद के नीचे है व्यास तहखाना
वाराणसी जिला अदालत ने प्रशासन को कहा है कि 7 दिन के अंदर यहां बैरिकेटिंग करके पूजा के लिए व्यवस्था तैयार की जाये. ये व्यास तहखाना वर्तमान समय में मस्जिद के नीचे है. बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में मौजूद इस तहखाना को लेकर हिंदु पक्ष की तरफ से शैलेंद्र कुमार पाठक ने याचिका लगाई थी और तहखाने में मौजूद मंदिर के इस हिस्से में पूजा करने की इजाजत देने की मांग की थी. जिला अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बड़ा फैसला दिया. अब मस्जिद के भातर मौजूद व्यास तहखाने में काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की ओर से पूजा अर्चना कराई जायेगी.
1993 तक व्यास तहखाने में होती थी पूजा
हिंदु पक्ष की तरफ से दाखिल याचिका मे दलील दी गई थी कि यहां 1993 तक हिंदुओं की तरफ से पूजा पाठ किया जाता था.इसलिए हिंदु पक्ष को यहां फिर से पूजा करने की इजाजत मिलना चाहिये. अदालत ने हिंदु पक्ष का याचिका को मानते हुए फैसला हिंदुओ के पक्ष मे दिया. हिंदु पक्ष इसे 30 साल बाद मिली जीत बता रहा है.
मुस्लिम पक्ष जायेगा हाइकोर्ट
फैसला हिंदु पक्ष में आने के बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से लड़ रहे अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमिटी ने दावा किया है कि वो इस फैसले के खिलाफ हाइ कोर्ट जायेंगे. मुस्लिम पक्ष के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि अदालत ने इस मामले में पहले के आदेशों को ओवरलुक करते हुए फैसला सुनाया है, जो गलत है.
हिंदु पक्ष का अदालत में दावा
वहीं हिंदु पक्ष ने अदालत में दावा किया कि 1993 तक इस परिसर में मौजूद व्यास तहखाने में हिंदुलोग पूजा पाठ करते थे. उस समय प्रदेश की सरकार ने इसे रुकवा दिया था, इसलिए हिंदुओं को यहां फिर से पूजा पाठ का अधिकार मिलना चाहिये. वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अदालत ने प्लेसस ऑफ वर्शिप एक्ट को नजरअंदाज करके ये फैसला दिया है.
व्यास तहखाने को प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया
इस मामले में जारी सुनवाई के दौरान 17 जनवरी को व्यास तहखाने को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है. ASI सर्वे के दौरान यहां तहखाने मे भी साफ सफाई कराई गई थी और अब जिल अदालत ने इस तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी है.