रायपुर: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दावा किया है कि उनके आह्वान पर रायपुर में 251 परिवारों के करीब 1000 लोगों ने अन्य धर्मों को छोड़कर को सनातन धर्म में वापसी कर ली है. शनिवार को रायपुर में बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री Pandit Dhirendra Shastri के कथा पंडाल में 251 परिवारों के 1000 सदस्यों की घर वापसी के लिए भव्य अनुष्ठान का आईयोजन हुआ और इसमें चार मुसलमानों सहित 1000 लोगों ने सनातन धर्म में आस्था रखते हुए घर वापसी की. यहां आये लोगों का कहना था कि इन ऐसे ने किसी के बहकावे में आकर सनातन धर्म छोड़ दिया था.
Dhirendra Shastri के साथ जुदेव के नेतृत्व में घर वापसी का हुआ कार्यक्रम
सनातनियों को जागृत करने और घर वापसी का बीड़ा उठाने वाले प्रबल प्रताप सिंह जुदेव और कथा के आयोजक बसंत अग्रवाल के नेतृत्व में घर वापसी का ये कार्यक्रम रायपुर में हुआ.समारोह में मतांतरित लोगों के चरण धुलवाकर भगवा गमछा पहनकर गंगाजल का पिलाकर उनकी घर वापसी कराई गई. स्व.दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने बताया कि वे अब तक 17 हज़ार परिवारों की घर वापसी करा चुके हैं.प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के पिता स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने भी आदिवासियों को जागृत करने और मिशनरियों के बहकावे से बचाने के लिए जीवनभर कार्य किया.
251 परिवारों के एक हजार सदस्यों की हुई घर वापसी
.प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि जब तक जीवित हूं, यह अभियान चलता रहेगा. मेरा उद्देश्य मतांतरित हो चुके सभी हिंदुओं की घर वापसी करना है.मिशनरी संस्थाओं ने पिछले कुछ सालों में हजारों लोगों को बहलाकर धर्म परिवर्तन करवा दिया है.उन सभी लोगों को घर वापस लाएंगे. सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, कोरबा, धमतरी, सक्ती, रायपुर समेत अन्य शहरों के 251 परिवारों के एक हजार सदस्यों ने घर वापसी की है.इतना ही नही मुस्लिम समाज के चार लोग शमीम, सोनिया, पल्की और मिर्जापुर के मोहम्मद अकबर ने भी हिंदू धर्म को अपनाया है.
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प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के पिता स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने भी आदिवासियों को जागृत करने और मिशनरियों के बहकावे से बचाने के लिए जीवनभर कार्य करते रहे. पंडित शास्त्री ने कथा स्थल पर उमडे़ लोगों के समक्ष सनातन धर्म में वापसी करने वाले लोगों से पूछा कि क्या वह किसी के दबाव में घर वापसी कर रहे हैं. इस पर अनेक लोगों ने कहा कि उन पर कोई दबाव नहीं, सनातन धर्म में उनकी आस्था है.वह बहकावे में आकर दूसरे धर्म में चले गए थे.अब अपनी इच्छा से वापस अपने सनातन धर्म में लौट रहे हैं.