Thursday, December 12, 2024

के के पाठक और पटना DM Chandrashekhar Singh के बीच ठनी, अपर सचिव के आदेश के बावजूद डीएम ने 25 जनवरी तक बढ़ाई स्कूलों में छुट्टी

पटना:शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के के पाठक और पटना के डीएम के बीच तकरार बढ़ गई है. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह DM Chandrashekhar Singh ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में डीएम ने अपने अधिकार और कार्य क्षेत्र के बारे में बताया.

DM Chandrashekhar Singh ने बताया अपना क्षेत्राधिकार

डीएम ने कहा कि क्षेत्राधिकार से बाहर होने के कारण शिक्षा विभाग को अधिकार नहीं है. पत्र में आगे लिखा कि क्षेत्राधिकार के तहत धारा 144 लगाने का अधिकार डीएम को है .दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्ति मिली है. इसके तहत शिक्षा विभाग से अनुमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है.इसके तहत किसी गैर न्यायिक आदेश से इस पत्र को बदला जा सकता है. शिक्षा विभाग का या आदेश विधि विरुद्ध और अप्रासंगिक है.डीएम ने शिक्षा विभाग को नसीहत देते हुए कहा कि इस पूरे मामले पर जरूरत हो तो विभाग विधिक मंतव्य ले सकता है.डीएम ने आगे कहा कि कानून में मिले अधिकार और शीत लहर को देखते हुए फैसला लिया गया था. जिला दंडाधिकारी की राय में इसके लिए कार्रवाई करने का आधार पर्याप्त है.डीएम ने धारा 144 के तहत आदेश की अवहेलना पर दंडात्मक प्रावधान का भी जिक्र किया है.अवहेलना करने पर 6 माह तक जेल और आर्थिक दंड का भी जिक्र किया है.

के के पाठक ने भी चंद्रशेखर सिंह को लेटर भिजवाया

वहीं खबर है कि बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने भी पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह को लेटर भिजवाया है.माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद ने पटना डीएम को एक पत्र भेजा है.इस पत्र में कहा गया कि आपने शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी स्कूलों को बंद किया है.यह विभाग के आदेश का साफ तौर पर किया गया उल्लंघन है. इसके साथ ही पत्र में कहा गया कि विभाग ने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन नहीं किया है,उन्होंने आगे कहा कि आंख मूंदकर सरकारी स्कूलों में धारा 144 लगाना गलत है ,अगर स्कूल बंद करना जरूरी था तो आपको शिक्षा विभाग से अनुरोध करना चाहिए था .शिक्षा विभाग के पत्र के मुताबिक दुकानों, पार्क ,मॉल में बच्चे जा रहे हैं.उसके लिए अपने धारा 144 लगाई क्या ? शिक्षा विभाग ने डीएम पटना पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपने जान बूझकर  शिक्षा विभाग के आदेश का उल्लंघन किया है.

क्या है पटना डीएम और अपर मुख्यसचिव के बीच की विवाद 

दऱअसल आन दिनों आरजेडी कोटे के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर को हटाये जाने के बाद अपर मुख्य सचिव के के पाठक के हौसले बुलंद हैं. अपने तीखे और जिद्दी तेवर के लिए के के पाठक जान जाते हैं. बताया जा रहा है कि शिक्षामंत्री चंद्रशेकर को हटाये जाने के बाद अब पटना के डीएम डॉ.चंद्रशेखर उनके निशाने पर हैं.  अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने डीएम के आदेश पर सवाल उठाया था.पत्र जारी कर कहा था कि बिना अनुमति के डीएम स्कूल नहीं बंद करेंगे.अब डीएम पटना के पत्र के बाद विवाद और भी बढ़ने की संभावना है.

अपर मुख्य सचिव केके पाठक का इतिहास

के के पाठक के बारे में प्रचलित है कि वो एक बार जो ठान लेते है वो करके ही छोड़ते हैं. उन्होंने 15 साल पहले पटना मेडिकल कालेज से ब्लड बैंक हटाने के मामले में एक चिट्ठी लिखा थी, जिसमें ब्लडबैंक हटाने का आदेश देने वाले डॉक्टर के लिए मूर्ख शब्द का इस्तेमाल किया था. के के पाठक की इस टिप्पणी पर हाइकोर्ट से उन्हें फटकार पड़ी थी. के के पाठक अक्सर अपने बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं.हाल ही में उनकी चर्चा तब बढ़ गई जब उन्होंने भरी मीटिंग में बिहारी अफसरों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था.यहां चर्चा तो खूब हुई लेकिन के के पाठक के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा, उल्टे उनपर कार्रवाई हुए जहां से मीटिंग के अंदर के वीडियो लीक हुए थे.

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 शिक्षा विभाग में शिक्षामंत्री से विवाद 

के के पाठक शिक्षा विभाग में लाये गये. शिक्षा विभाग में आते ही उनका विवाद शिक्षामंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के साथ शुरु हो गया. आखिरकार शिक्षा मंत्री को अपने पद से जाना पड़ा. इस बीच के के पाठक और जाने माने डॉक्टर अजय कुमार के साथ गालीगलौज का ऑडियो वायरल हुआ. अब एक बार फिर से के के पाठक का एक पत्र वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने पटना डीएम चंद्रशेखर से कई सवाल पूछाे हैं औऱ हाइकोर्ट तक ले जाने की बात कही है.जानकार इसे डीएम डॉ.चंद्रशेखर को अपर मुख्य सचिव के के पाठक की धमकी बता रहे हैं. पत्र में कहा गया है कि शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव के आदेश की अवहेलना कर रहा है,उन्हें हाईकोर्ट में जवाब देना होगा.

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