सवांददाता धनंजय झा, बेगूसराय: बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री Giriraj Singh ने एक बार फिर बड़े संकेत दिए हैं. गिरिराज सिंह बेगूसराय के प्रसिद्ध सिमरिया धाम में आयोजित कार्यक्रम में शरीक होने के लिए सिमरिया पहुंचे थे. जहां उन्होंने संबोधन के दौरान कहा कि अयोध्या तो एक झांकी है अभी काशी मथुरा बाकी है.
नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए नजर आए Giriraj Singh
अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक नरेंद्र मोदी ऐसे शख्स हैं जिन्होंने जो संकल्प लिया उसे करके दिखा दिया. नरेंद्र मोदी आज 11 दिनों से अपने संकल्प को लेकर भूखे प्यासे प्रतिष्ठान में लगे हुए थे. परंतु विरोधियों के द्वारा आपत्तिजनक बातें कही गई. वहीं दूसरी ओर अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बेगूसराय में भी साधु संतों में भी खुशी देखी जा रही है. सर्व मंगला आश्रम के संरक्षक चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि रामलला एक बार फिर अयोध्या में विराजमान हुए हैं इसको लेकर साधु संतों में काफी खुशी है.
उन्होंने आगे कहा कि कल नरेंद्र मोदी ने वो कर दिखाया जो 500 साल से हमारे ऊपर कलंक लगा हुआ था. हमारे प्रभु श्री राम लम्बे समय से टेंट में थे लेकिन कल मोदी जी ने करोड़ो लोगों का सपना पूरा किया है. एक बार तो सनातनियों ने ढांचे को गिराया लेकिन कांग्रेस के कारण लटकाने भटकाने का काम हुआ. प्रभु राम जी का मंदिर बनाने का श्रेय नरेंद्र मोदी जी को ही जाता है.उन्होंने कहा कि 500 साल बाद प्रभु राम जी का मंदिर बनकर तैयार हुआ है. उन्होंने इस दौरान कहा कि कलंक नरेंद्र मोदी के द्वारा नेतृत्व में प्रभु श्री राम प्राण प्रतिष्ठा से पटाक्षेप हुआ. लेकिन कल नरेंद्र मोदी जी ने सारी बाधाओं को तोड़ डाला, जो जात पात सहित अंत्र मन्त्र और तंत्र ब्राह्मणवाद सारे चीजों को तोड़कर नरेंद्र मोदी अपने आप को एक साधक के रूप में दिखाया.
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आज की जनता बटन दबाकर तीर धनुष चलाती है
भारत को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस अमृत काल में एक तरह से सनातन के पुनर्जागरण का दृश्य देखने को मिला. मुझे लगता है कि अब नरेंद्र मोदी जी की भूमिका देश के साथ-साथ अब देश के बाहर भी जाएगी और कभी गीता में कृष्ण ने कहा था- यदा यदा ही धर्मस्य….. भारत में जब-जब अत्याचारियों का अत्याचार होगा, मैं तब तब किसी के रूप में आऊंगा. मुझे तो लगता है नरेंद्र मोदी आज उसी रूप में आ गए हैं क्योंकि सुदर्शन चक्र का जमाना नहीं है. आज प्रभु श्री राम को रावण वध करने के लिए तीर धनुष नहीं लेना है. साथ में आज की जनता बटन दबाकर तीर धनुष चला रही है.
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