Thursday, April 24, 2025

अयोध्या Ram Mandir पहुंची श्री रामलला की नवनिर्मित मूर्ति, कल होगी आसन पर विराजमान

अयोध्या:राम मंदिर Ram Mandir की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दूसरे दिन राम लला की एक चांदी की मूर्ति को राम मंदिर परिसर में भ्रमण कराया गया है.इससे पहले रामलला की अचल मूर्ति को जन्मभूमि परिसर में भ्रमण कराने की योजना थी लेकिन सुरक्षा कारण और मूर्ति के वजन के कारण परिसर भ्रमण की रस्म रामलला की छोटी रजत प्रतिमा को लेकर पूरी कराई गई. इसी के साथ ही गर्भगृह में श्री रामयंत्र की स्थापना हुई.मुख्य यजमान अनिल मिश्र इस मौके पर मौजूद रहे.

Ram Mandir
Ram Mandir

Ram Mandir परिसर में मूर्ति को चारों तरफ घुमाया

चांदी से बनी रामलला की 10 किलो वजनी प्रतिमा को मुख्य यजमान डॉ़ अनिल मिश्रा ने पालकी में विराजमान कर मन्दिर के अंदर और मन्दिर के चारों तरफ घुमाया.भगवान की एक झलक पाने के लिए सब बेताब थे.वैदिक मंत्रोंच्चारों से मन्दिर परिसर गूंजता रहा.आचार्यों व मंदिर निर्माण में लगे इंजीनियरों और सुरक्षाकर्मियों ने प्रतिमा पर फूलों की वर्षा की.
विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक मंडल के सदस्य दिनेश चंद्र व मुख्य यजमान डॉ़ अनिल मिश्र ने रामलला की रजत प्रतिमा की पूजा की.वहीं निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास और पुजारी सुनील दास ने गर्भगृह में सिंहासन की पूजा की.

गर्भगृह में श्रीरामयन्त्र की भी हुई स्थापना

वहीं रामलला की अचल मूर्ति को बुधवार शाम विवेक सृष्टि परिसर से भारी सुरक्षा में राम जन्मभूमि परिसर पहुंचाई गई.बंद ट्रक में अचल मूर्ति को विराजमान कर ले जाया गया.मूर्ति सुरक्षा में पीएसी के दो सौ जवान, एटीएस की टीम और स्थानीय पुलिस अधिकारी शामिल रहे.सोने के सिंहासन पर अचल मूर्ति को आज विराजित किया जायेगा.प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के दूसरे दिन का शुभारंभ मुहूर्त दोपहर 1:20 बजे सरयू तट पर कलश पूजन के साथ हुआ.इस दौरान 10 कलशों का पूजन हुआ.मुख्य कलश को राम जन्मभूमि परिसर में बने यज्ञमंडप में स्थापित किया गया.वहीं रामलला के नवनिर्मित गर्भगृह में श्रीरामयन्त्र की स्थापना के साथ प्राण प्रतिष्ठा के कर्मकांड का शुभारंभ कर दिया गया है.काशी के सात आचार्यों ने करीब 40 मिनट तक विधि विधान पूर्वक तीर्थ पूजन, कलश पूजन, वर्धिनी पूजन संपन्न कराया.

कहां रहेगी अब रामलला की मौजूदा मूर्ति

रामलला की मौजूदा मूर्ति को लेकर अभी तक स्पष्ट बातें सामने नहीं आई है कि उस मूर्ति का क्या होगा.वह अब कहां रखी जायेगी.उस मूर्ति की पूजा कैसे होगी.इतना स्पष्ट है कि वर्तमान मूर्ति को भी नए मन्दिर में ही रखा जाएगा.श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि रामलला की वर्तमान मूर्ति को भी नए मन्दिर के गर्भगृह में ही रखा जायेगा.रामलला की मौजूदा मूर्ति साल 1949 से ही वहां है.आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि नए वाले भगवान राम का तो भव्य मंदिर बन ही गया है लेकिन ज़्यादा महत्व इन्हीं 1949 वाले रामलला का ही है.

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