दक्षिण भारत में तो अक्सर आपने बड़े बड़े हीरो और राजनेताओं की मूर्तियों की पूजा होते देखा और सुना होगा लेकिन अब ये प्रथा उत्तर भारत में भी दिखाई देने लगी है.वो भी एक खास शहर जो मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है.जी हां हम बात कर रहे हैं श्रीराम की नगरी अयोध्या की. अयोध्या में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के एक भक्त प्रभाकर मौर्य ने एक जमीन पर योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनाकर सुबह शाम उनकी पूजा करनी शुरु कर दी है.
अभी तक तो ये माना जा रहा था कि ये मंदिर एक भक्त ने अपनी श्रद्धा दिखाने के लिए बनाया है लेकिन सीएम हाउस में पहुंचे एक शिकायत ने इस पर सवाल खड़े कर दिये हैं . समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मंदिर पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि योगी जी की पूजा करने वाल शख्स श्रद्धा और भक्ति की वजह से नहीं बल्कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की नीयत से ऐसा कर रहा है.
अयोध्या में मुख्यमंत्री जी का जो मंदिर बनाया गया है, उसको बनानेवाले के चाचा ने ही यह शिकायत मुख्यमंत्री जी से की है कि वो ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने की बदनीयत से बनाया गया है। अब मुख्यमंत्री जी बताएँ कि ऐसे भू-माफ़िया भतीजे पर कार्रवाई वो करेंगे या दिल्ली से विशेष दस्ता आयेगा।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 23, 2022
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी से सवाल पूछा है कि –क्या इस मामले में सरकार ऐक्शन लेगी?
मामला ये है कि प्रभाकर मौर्य के चाचा रामनाथ मौर्य ने अपने भतीजे प्रभाकर मौर्य पर आरोप लगाया है कि उसने सरकारी बंजर जमीन पर कब्जा करके योगी मंदिर बनाया है.इस सिललिले में रामनाथ मौर्य ने सीएम योगी को 21 सितंबर को एक पत्र भी लिखा है और मांग की कि इस मामले में जांच की जाये. इसी शिकायत के आधार पर अखिलेश यादव ने ट्वीट करके सीएम योगी पर निशाना साधा है.
इसके पहले योगी मंदिर पर तंज कसते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में लिखा था कि-‘ये तो उनसे भी दो क़दम आगे निकले..अब सवाल ये है कि पहले कौन?’
अखिलेश ने सीएम योगी के मंदिर की तस्वीरों को शेयर थी किया था.भगवा रंग से सजाया गया मंदिर दिखाई दे रहा है. मंदिर के अंदर योगी आदित्यनाथ की मूर्ति लगी हुई है और उन्हें भगवान श्रीराम की तरह दिखाया गया है.
अब सवाल उठता है कि क्या सीएम योगी को प्रभाकर मौर्य जैसे अपने भक्त के बारे में कोई जानकारी है? क्योंकि प्रभाकर मौर्य के चाचा ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने के संबंध में जो आरोप लगाया है वो केवल खराब नीयत का ही परिचय नहीं देता है बल्कि एक अपराध भी है.अब ये देखना होगा कि भ्रष्टाचार और अवैध कब्जे को लेकर जीरो टालरेंस रखने वाले सीएम मोदी अब इस शिकायत पर कब और कैसे संज्ञान लेते हैं.