2024 लोकसभा चुनाव में रोटी, रोज़गार और विकास नहीं बल्कि राम मंदिर ही सबसे बड़ा मुद्दा होने वाला है. ये बात सिर्फ बीजेपी के प्रचार से नहीं विपक्ष की इस प्रचार को लेकर बेचैनी से भी साफ हो गई है. बीजेपी के मंदिर के सामने आरजेडी स्कूल को खड़ा करने की कोशिश में है. नए साल की शुरुआत में ही मंदिर बनाम स्कूल की इस लड़ाई को आरजेडी के डेहरी से विधायक फतेह बहादुर सिंह ने राबड़ी देवी आवास के ठीक सामने एक पोस्टर लगा के की है. इस पोस्टर में मंदिर को अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर ले जाने वाला रास्ता बताया गया है. जबकि स्कूल को तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता और प्रकाश की ओर ले जाने वाला बताया गया है.
राबड़ी देवी के घर के बाहर लगे पोस्टर में क्या है
तो आपको बता दें, राबड़ी देवी के आवास के बाहर लगे इस पोस्टर में लिखा गया है कि- मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग. जब मंदिर में घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की और बढ़ रहे हैं. जब स्कूल में घंटी बजती है तो यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता व प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं. अब तय करना है कि आपको किसी और जाना चाहिए?
सावित्री बाई फुले ने कही थी पोस्टर में लिखी बात
भले ही पूर्व मुख्यमंत्री के घर के बाहर लगा पोस्टर बीजेपी और दूसरे हिंदू वादी संगठनों को विवादित लगे. लेकिन पोस्टर पर लिखी बाते असल में मशहूर समाज सेविका, देश के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक सावित्रीबाई फुले की कही है. लेकिन क्योंकि ये पोस्टर और ये बात उस समय लगाई गई है जब एक तरफ बीजेपी 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राजमंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह कर देश की फिज़ा को राम मय कर देना चाहती है तो दूसरी तरफ आरजेडी ऐसे पोस्टर के जरिए संदेश देना चाहती है कि राम के नाम और अयोध्या के मंदिर का राजनीतिक इस्तेमाल कर बीजेपी सिर्फ लोगों को रोजी रोटी के सवाल से भटकाना चाहती है.
कौन है पोस्टर लगाने वाले आरजेडी विधायक फते बहादुर सिंह
पोस्टर का मकसद तो साफ है लेकिन इसको लगाने वाले विधायक कौन है ये भी जान लीजिए. तो पहली बार विधायक बने फते बहादुर सिंह डेहरी से आरजेडी के विधायक है. ये अपने ब्राह्मणवाद के खिलाफ दिए गए बयानों के लिए जाने जाते है. हाल ही में फते बहादुर ने हिंदूओं के देवता ब्राह्म पर भी सवाल उठाए थे. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा था कि हिंदू धर्म में विद्या की देवी सरस्वती की जगह सावित्री बाई फुले की पूजा होनी चाहिए. राबड़ी देवी के घर के बाहर लगे पोस्टर में भी सावित्री बाई फुले को ‘भारत की पहली शिक्षिका’ बताया गया है.
पोस्टर पर लगी है किस-किस की तस्वीर
पोस्टर पर आरजेडी नेताओं के साथ समाज सुधारकों की भी तस्वीरें लगाई गई है. पोस्टर पर आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की फोटो के साथ ही कई महापुरुषों की भी फोटो लगाई है. सावित्री बाई फुले की फोटो मध्य में है और बुद्ध, सम्राट अशोक, कबीर, रैदास, कर्पूरी ठाकुर, जगदेव प्रसाद, फातिमा बीबी, अब्दुल कयूम अंसारी, ललई सिंह यादव, फूलन देवी, पेरियार व भीम राव अंबेडकर की फोटो कतार में लगायी है.
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