Tuesday, October 14, 2025

लालू प्रसाद के MLA Fateh Bahadur ने एक बार फिर की हद पार, मां दूर्गा के बाद मां सरस्वती पर दिया अनर्गल बयान

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नई दिल्ली :  खुद को महिषासुर का वंसज बताकर मां दुर्गा के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले डेहरी से आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह MLA Fateh Bahadur ने एक बार फिर से अपनी हदें पार की है . RJD MLA Fateh Bahadur ने विद्या की देवी मां सरस्वती को लेकर बकवास की है. औरंगाबाद के दाउदनगर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आरजेडी विधायक ने कहा कि पूजा चरित्रवान की होनी चाहिए चरित्रहीनों की नहीं. आरजेडी नेता ने कहा कि मां सरस्वती को ब्रह्मा की बेटी बताया गया है लेकिन ब्रह्मा ने उनसे ही शादी कर ली.

MLA Fateh Bahadur ने मां दुर्गा को कहा था काल्पनिक 

आरजेडी के मंत्री और विधायक लगातार हिंदू देवी देवताओं को लेकर बिना सिर पैर के बयान देते नजर आ रहे हैं. इससे पहले इसी आरजेडी नेता फतेह बहादुर ने मां दुर्गा के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे. अब उन्होंने मां दूर्गा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. फतेह बहादुर ने मां दुर्गा के अस्तित्व को नकारते हुए उन्हें काल्पनिक बताया था.

फतेह बहादुर ने मां दुर्गा के अस्तित्व को काल्पनिक बताते हुए कहा था कि ” अगर देश में 33 करोड़ देवी-देवता हैं तब जब भारत अंग्रोजों का गुलाम हुआ तब मां दूर्गा ने उनका संहार क्यों नहीं किया. जबकि कहते हैं कि मां दुर्गा ने महिषासुर की करोड़ों की सेना का संहार किया था तो मुट्ठीभर अंग्रेजों का क्यों नहीं किया था”

दाउद नगर में मां सरस्वती को लेकर दिया अनर्गल बयान 

फतेह बहादुर ने एक बार फिर से अपनी हदें पार करते हुए दाउदनगर में सिंचाई विभाग के कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत के दौरान मां सरस्वती को लेकर घटिया बातें कही. विधायक फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि स्कूलों में सरस्वती की जगह सावित्रीबाई फुले की तस्वीर लगनी चाहिए और उनकी पूजा होनी चाहिए. सरकार से मांग करते हैं कि सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न दिया जाये . उन्होंने कहा कि देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले थी. ऐसे में उनकी जयंती मनाई जानी चाहिए. महिला दिवस उनके नाम पर होना चाहिए.

फतेह बहादुर में ब्राह्मणों और शूद्र में समाज को बांटा     

आरजेडी विधायक फतेह बहादुर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को लेकर भी टिपप्णी की और कहा कि सम्राट ने ब्राह्मणों की अधीनता स्वीकार कर ली है. सम्राट चौधरी कहते हैं कि तीन प्रतिशत ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं, थे और रहेंगे तो क्या उनके मुताबिक बाकी 97 प्रतिशत लोग शुद्र ही हैं?

आइडेंटिटी क्राइसेस के शिकार है फतेह बहादुर ?

बता दें कि जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, नेताओं को अपनी पोपुलैरिटी और पहचान का संकट नजर आने लगता है. समाज के एक वर्ग के बीच अपनी पहचान बनाये रखने के लिए कुछ भी बोलने और करने से परहेज नहीं करते हैं.इन्हें लगता है कि कुछ भी करके, किसी तरह से लोगों के बीच चर्चा का विषय बने रहैं.शायद यही वजह है कि फतेह बहादुर जैसे नेता किसी भी हद तक जाकर अनर्गल बयानबाजी करते हैं.

 आरजेडी मंत्री चंद्रशेखर ने ‘मानस’ को बताया था पोटेशियम साइनाइट

इससे पहले बिहार सरकार में आरजेडी से मंत्री चंद्रशेखर ने पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस की तुलना पोटेशियम साइनाइट से कर दी थी. चंद्रशेखर ने रामतरित मानस को समाज को बांटने वाला बताया था.

फतेह बहादुर को क्यों याद आई साबित्री बाई फुले ?

बता दें कि कि मां सरस्वती का अपमान करने वाले फतेह बहादुर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए महान शिक्षाविद और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की जयंती 7 जनवरी को डेहरी में मनाने जा रहे हैं. जबकि सोचने वाली बात ये हैं कि सावित्री बाई फुले की जयंती तो हर साल आती है लेकिन नेताजी को सावित्री बाई फुले की याद इसी साल क्यों आई?

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