फेक न्यूज़ मामले में पटना की जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप जेल से रिहा हो गए हैं. शनिवार को पटना के बेउर जेल के बाहर मनीष के समर्थकों की भारी भीड़ जुटी.
बताया जा रहा है कि मनीष कश्यप की रिहाई शुक्रवार की देर शाम को ही हो जाती लेकिन रिहाई के कागजातों में कुछ कमियां होने के चलते रिहाई नहीं हो पाई थी. जानकारी के मुताबिक मनीष का नाम कोर्ट के कागज़ों में गलत लिखा था जिसकी वजह से ये देर हुई. मनीष का पूरा नाम मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. जबकी कोर्ट के कागज़ातों में उनका अधूरा नाम ही लिखा था.
शनिवार सुबह जेल पहुंचे थे मनीष के वकील
मनीष कश्यप की रिहाई के लिए शनिवार करीब 10 बजे उनके वकील रिहाई के ऑर्डर के साथ बेउर जेल पहुंचे थे. जिसके बाद कागज़ी कारर्वाई पूरी हुई और मनीष को रिहा कर दिया गया.
बुधवार (20 दिसंबर) को पटना हाईकोर्ट से मिली थी जमानत
आपको बता दें बुधवार यानी 20 दिसंबर को यूट्यूबर मनीष कश्यप को पटना हाई कोर्ट से सभी मामलों में जमानत मिल गई थी. इसके बाद पटना के बेऊर जेल में बंद मनीष कश्यप की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था. मनीष कश्यप को बेल मिलने की खबर के बाद उनके घर बेतिया में खुशी की लहर दौड़ गई है. मनीष का परिवार और समर्थकों के बीच जश्न का माहौल है. मनीष की मां और भाइयों ने उनकी रिहाई की खबर पाकर मिठाई बांटी थी.
क्या है मनीष पर आरोप
आपको बता दें मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहारियों के साथ कथित हिंसा के मामले में फर्जी वीडियो वायरल करने का आरोप है. बिहार के साथ-साथ तमिलनाडु में भी उस पर कई मामले दर्ज किए गए हैं. तमिलनाडु में मनीष कश्यप के खिलाफ 13 मामले दर्ज हैं. इसी साल 18 मार्च को मनीष ने सरेंडर किया था. जिसके बाद उसे तमिलनाडु ले जाया गया था जहां उसपर एनएसए भी लगाया गया था लेकिन इस साल दीवाली से पहले एनएसए हटा लिया गया था. मनीष गिरफ्तारी के बाद कुछ दिन मदुरई जेल रहा फिर उसे बिहार के बेऊर में बंद रखा गया था.
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