13 दिसंबर को हुई संसद की सुरक्षा में चूक मामले में बहस की मांग करने वाले 33 और सांसदों को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार बचे हुए शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया है. इस तरह राज्यसभा और लोकसभा में सुरक्षा में चूक के मामले में बहस की मांग करने वाले कुल 47 सांसदों को अब तक निलंबित किए जा चुकें हैं.
सुरक्षा में चूक मामले में 33 और सांसद निलंबित
सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी सहित 33 विपक्षी सदस्यों को संसद के शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि सांसदों ने लोकसभा सुरक्षा उल्लंघन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सदन के अंदर तख्तियां दिखाईं.
निलंबित सांसदों की सूची
1. कल्याण बनर्जी – टीएमसी
2. ए राजा-डीएमके
3. दयानिधि मारन – डीएमके
4. अपरूपा पोद्दार – टीएमसी
5. प्रसून बनर्जी – टीएमसी
6. ई. टी. मोहम्मद बशीर – आईयूएमएल
7. गणेशन सेल्वम – डीएमके
8. सी. एन. अन्नादुरई – डीएमके
9. अधीर रंजन चौधरी – कांग्रेस
10. टी. सुमति – डीएमके
11. कनि के. नवास – आईयूएमएल
12. कलानिधि वीरस्वामी – डीएमके
13. एन.के. प्रेमचंद्रन – आरएसपी
14. सौगत रे – टीएमसी
15. शताब्दी रॉय – टीएमसी
16. असित कुमार मल – टीएमसी
17. कौशलेंद्र कुमार-जेडीयू
18. एंटो एंटनी – इंक
19. एस.एस. पलानीमनिकम – डीएमके
20. प्रतिमा मंडल – टीएमसी
21. काकोली घोष – टीएमसी
22. के मुरलीधरन – कांग्रेस
23. सुनील मंडल – टीएमसी
24. रामलिंगम सेलापेरुमल-डीएमके
25. कोडिकुनेल सुरेश-कांग्रेस
26. अमर सिंह – कांग्रेस
27. राजमोहन उन्नीथन – कांग्रेस
28. सु. थिरुनावुक्करासर-आईएनसी
29. टी. आर. बालू – डीएमके
30. गौरव गोगोई-कांग्रेस
31. विजयकुमार वसंत – कांग्रेस
32. डॉ. के. जयकुमार – कांग्रेस
33. अब्दुल खालिक – कांग्रेस
तीन सांसदों का निलंबन मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया
ताज़ा कार्रवाई तब की गई है जब तख्तियां दिखाने और अनियंत्रित व्यवहार के लिए कांग्रेस के नौ सहित 15 सांसदों को शुक्रवार को सदन से निलंबित कर दिया गया था.
आज निलंबित सांसदों में से सांसद अब्दुल खालिक, विजय वसंत और के. जयाकुमार के निलंबन का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है.
आपको बता दें, एकजुट विपक्ष पिछले सप्ताह बुधवार से संसद में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से बयान की मांग कर रहा है, जिसके चलते लगातार सदन को स्थगित किया जा रहा है.
मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है-खरगे
33 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है. निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है… विपक्ष-रहित संसद के साथ, मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है.”
First, intruders attacked Parliament.
Then Modi Govt attacking Parliament & DemocracyAll Democratic norms are being thrown into the dustbin by an autocratic Modi Govt by suspending 47 MPs.
We have two simple and genuine demands –
1. The Union Home Minister should make a…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 18, 2023
लोकतंत्र, सदन, सांसद का सारा ढोंग छोड़ दें- सुप्रिया श्रीनेत
वहीं कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “मेरी प्रधानमंत्री मोदी को एक सलाह है कि वे ये लोकतंत्र, सदन, सांसद का सारा ढोंग छोड़ दें, अपनी तानाशाही चलाएं क्योंकि असलियत ये है कि हर वो व्यक्ति जो अपनी लोकतांत्रिक ड्यूटी निभाते हुए लोकतंत्र के मंदिर में सवाल पूछेगा उस सांसद को निलंबित किया जाएगा. मोदी जी को विपक्ष का चेहरा बर्दाश्त नहीं है. पहले आपने 15 और अब 31 सांसद निलंबित कर दिए. ये कितनी बड़ी विडंबना है कि विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी तक को निलंबित कर दिया. सदन में अगर विपक्ष की आवाज ही नहीं होगी तो सदन और लोकतंत्र का मतलब क्या है?”
#WATCH कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “मेरी प्रधानमंत्री मोदी को एक सलाह है कि वे ये लोकतंत्र, सदन, सांसद का सारा ढोंग छोड़ दें, अपनी तानाशाही चलाएं क्योंकि असलियत ये है कि हर वो व्यक्ति जो अपनी लोकतांत्रिक ड्यूटी निभाते हुए लोकतंत्र के मंदिर में सवाल पूछेगा उस सांसद को… pic.twitter.com/njcZEAPSHJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2023
ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी- प्रियंका चतुर्वेदी
वहीं, शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए 33 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर, शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी. यह देश को स्वीकार्य नहीं है. जनता के विश्वास पर उन्हें यह जनादेश मिला है. उन्हें जनादेश इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को एक महत्वपूर्ण मुद्दा माना था. लेकिन आज सबसे सुरक्षित इमारत पर हमला हो रहा है. इस पर न तो प्रधानमंत्री बोलते हैं और न ही गृह मंत्री, अगर हमने आपका बयान मांगा तो आपने हमें सदन से निलंबित कर दिया- यह किसी को स्वीकार्य नहीं है. हम इसके लिए लड़ना जारी रखेंगे…अगर हमें निलंबित किया जा रहा है क्योंकि हम (बयान) मांग रहे हैं, तो यह हमारे लिए सम्मान का प्रतीक है.”
#WATCH आज शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए 33 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर, शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी। यह देश को स्वीकार्य नहीं है। जनता के विश्वास पर उन्हें यह जनादेश मिला है। उन्हें जनादेश इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय… pic.twitter.com/GfGUvCx9B5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2023
विपक्ष असुरक्षित महसूस कर रहा है- जी किशन रेड्डी
लोकसभा से कई विपक्षी सांसदों के निलंबन पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “विपक्ष ने आज अभद्र व्यवहार किया. विपक्ष असुरक्षित महसूस कर रहा है क्योंकि उनके पास पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ कोई एजेंडा या मुद्दा नहीं है और वे सदन को चलने नहीं दे रहे हैं। इसलिए स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया है और हमने इसका समर्थन किया है.”
घटना पर संसद में बहस की नहीं, बल्कि जांच की जरूरत है-पीएम
रविवार को पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि इस घटना पर संसद में बहस की नहीं, बल्कि जांच की जरूरत है. इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस ने उन पर इस मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया था क्योंकि भाजपा अपने सांसद प्रताप सिम्हा को बचाना चाहती थी, जिनके कार्यालय ने लोकसभा के अंदर हंगामा करने वाले दो घुसपैठियों को पहुंच पास प्रदान किए थे.
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