बिहार में बीजेपी के पास मुद्दों का अभाव है. सीएम नीतीश कुमार ने जाति गणना, आरक्षण का दायरा बढ़ाने का फैसला और राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर विकास से लेकर राजनीति के मैदान में बीजेपी को चारों खाने चित कर दिया है ऐसे में बिहार बीजेपी को ये समझ नहीं आ रहा है कि वो प्रदेश में लड़े तो लड़े किस मुद्दे पर इसलिए शायद वो भावनात्मक मुद्दों की ओर झुक रही है….बिहार बीजेपी कभी डीएमके सांसद के गौमूत्र राज्य कहे जाने से आहत हो जाती है तो कभी खुद ही सीएम नीतीश को पल्टू राम, बीमार, धोखेबाज़ जैसे शब्दों से नवाजने वाली बीजेपी को नीतीश के अपमान की चिंता सताने लगती है.
डीएमके सांसद और रेंवत रेड्डी से नाराज़ बीजेपी
बुधवार को बिहार बीजेपी दो अलग-अलग मुद्दों को लेकर नाराज़ नज़र आई. एक मुद्दा था लोकसभा में DMK सांसद डी.एन.वी. सेंथिलकुमार का हिंदी भाषी राज्यों को ‘गौमूत्र’ राज्य कह कर पुकारना और दूसरा तेलंगाना के होने वाले सीएम रेंवत रेड्डी का चुनाव प्रचार के दौरान दिया गया बयान जिसमें उन्होंने बीआरएस के प्रमुख केसीआर का डीएनए बिहार और उत्तर प्रदेश का बताया है. रेवंत रेड्डी का कहना था कि केसीआर कुर्मी हैं, ये जाति बिहार और उत्तर प्रदेश में होती है. इसलिए केसीआर का डीएनए बिहार और यूपी का है जबकि उनका डीएनए तेलंगाना का है. इसलिए उनका डीएनए केसीआर के डीएनए से बेहतर है.
डीएमके सांसद के बयान को बताया सनातन विरोधी
DMK सांसद डी.एन.वी. सेंथिलकुमार के बयान को बीजेपी नेताओं ने सनातन का अपमान बताया तो रेवंत रेड्डी के बयान को नीतीश कुमार का अपमान. DMK सांसद के बयान पर बिहार बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट किया “आजादी के बाद 1947 में कांग्रेस ने सत्ता के लिए देश को दो टुकड़ों में बांट दिया था और आज फिर राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में करारी हार के बाद कांग्रेस देश को SOUTH vs NORTH में बांटने में लग गई है.”
इंडिया गठबंधन और कांग्रेस पर साधा निशाना
तो बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि सम्पूर्ण भारत गौ,गंगा और गायत्री की उपासना करता है. कॉंग्रेस व उसके सहयोगी यदि दक्षिण भारत-उत्तर भारत की अलग परिकल्पना कर उन्माद फैलाना चाहते हैं तो वे होश में आएं, देश की एकता अखण्डता व सम्प्रभुता से खिलवाड़ तथा सनातन के अपमान को राष्ट्र अब हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा. ऐसे ही बयान सुशील मोदी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी दिया. दोनों ने डीएमके से ज्यादा कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा
प्रशांत किशोर ने निकाली बीजेपी की नाराज़गी की हवा
लेकिन बीजेपी की नाराज़गी से इतर जन सुराज अभियान के नेता प्रशांत किशोर ने इस बयान को देखने का एक अलग नज़रिया पेश कर दिया. प्रशांत किशोर ने कहा कि किसी सांसद ने कह दिया कि ये गौमूत्र वाले राज्य हैं तो आपको उससे बुरा लग गया, लेकिन आपका बच्चा दिन भर बेरोजगार रोड पर घूम रहा है उसकी आपको कोई चिंता नहीं है. अगर आप अनपढ़ हैं, तो लोग आपको अनपढ़ ही तो कहेंगे.
वैसे इस मुद्दे पर ज्यादा बवाल होता उससे पहले ही DMK सांसद डी.एन.वी. सेंथिलकुमार ने लोकसभा में अपने बयान के लिए माफी मांग ली.
सीएम नीतीश के अपमान की चिंता कर रही है बीजेपी
तो अब बचा रेवंत रेड्डी के नीतीश कुमार को अपमानित करने का मुद्दा. तो इस मुद्दे पर बीजेपी ने ट्वीट किया कि, “कांग्रेस के नवनिर्वाचित सीएम रेवंत रेड्डी कह रहे हैं कि केसीआर घटिया डीएनए वाले हैं, क्योंकि वह बिहार के कुर्मी हैं, जो तेलंगाना विस्थापित होकर चले गए. नीतीश कुमार जी, खुद कुर्मी जाति के हैं, घमंडिया गठबंधन के हिस्सा हैं. क्या वो कुर्मी जाति के खिलाफ इस अशोभनीय और अभद्र टिप्पणी से सहमति रखते हैं?” बीजेपी को नीतीश कुमार के अपमान की चिंता हुई ये देख अच्छा तो लगा लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश कुमार के डीएनए के लिए कुछ कहा था तब इसी बिहार बीजेपी के किसी नेता को न जाति की याद आई थी न बिहार की अस्मिता की.
मुद्दों के अभाव में मजबूरन बीजेपी भावनात्मक मुद्दे को लपक रही है
कुल मिलाकर कहें तो राजनीति की बिसात पर नीतीश कुमार के हाथों अपने मोहरे नहीं बचा पाने वाली बीजेपी अब भावनात्मक मुद्दों की तलाश में है. उसे जहां भी जो भी मुद्दा मिलता है वो लपक लेती है. इससे पहले भी वो मनीष कश्यप के मुद्दे को लेकर काफी नाराज़ नज़र आई थी. लेकिन शायद बीजेपी भी जानती है कि भावनात्मक मुद्दे पानी के बुलबुले की तरह होते हैं….चुनाव के समय मिल जाए तो नैय्या पार लगा सकते हैं लेकिन अगर चुनाव थोड़ा दूर हो तो उन्हें जिंदा रख पाना मुश्किल होता है.
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