लखनऊ :पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी Amarmani Tripathi पर अदालत ने शिकंजा कसा है. 22 साल पुराने अपहरण के मामले में कोर्ट में पेश न होने के चलते यह कार्रवाई करने का आदेश जारी हुआ है.अगली सुनवाई अब 20 दिसंबर को होगी.अमरमणि त्रिपाठी के अधिवक्ता ने कुर्की की कार्यवाही स्थगित करने की याचना की जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया.
Amarmani Tripathi 22 साल पुराने मामले में है फरार
अपहरण के 22 वर्ष पुराने मामले में फरार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी पर शिकंजा कसता जा रहा है.विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट प्रमोद कुमार गिरी ने शनिवार को अमरमणि की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया. न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक बस्ती द्वारा गठित टीम को असफल टीम बताते हुए विशेष टीम गठित करने को कहा.यह टीम अमरमणि की संपत्तियों का पता लगाकर उसे कुर्क करेगी. अमरमणि के अधिवक्ता ने कुर्की की कार्यवाही स्थगित करने की याचना की, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया.
किस मामले में लिप्त है अमरमणि
बस्ती, कोतवाली के धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का छह दिसंबर 2001 को अपहरण हो गया था,.पुलिस ने उसे तत्कालीन मंत्री अमरमणि के लखनऊ स्थित आवास से बरामद किया.अपहरण कांड के नौ आरोपितों में शामिल अमरमणि बीमारी का हवाला देते हुए आज तक न्यायालय में हाजिर नहीं हुए.विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर आदेश दिया था कि मात्र डिप्रेशन के आधार पर किसी अभियुक्त को न्यायालय आने से छूट नहीं दी जा सकती है.
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में भी थे आरोपी
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में हाल ही में रिहा हुए यूपी थे.कवियत्री मधुमिता शुक्ला के हत्या के मामले में 24 अक्टूबर 2007 को देहरादून की विशेष अदालत ने अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. 18 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने लोअर कोर्ट के द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा था. 13 मई 2022 को मधुमनी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अच्छे बर्ताव के चलते सजा में माफी को लेकर दया याचिका दायर की गई थी. 21 नवंबर 2022 को रिहाई का आदेश दिया गया था.