बिहार:जातिगत गणना के बाद नीतीश कुमार Nitish Kumar बिहार एक नया सर्वे करवाने जा रहे हैं. यह सर्वे होगा शराबबंदी को लेकर,दरअसल नीतीश कुमार शराबबंदी की हकीकत जानने की कोशिश कर रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर सर्वे कराने का आदेश जारी कर दिया है. जाति की जांच पड़ताल के बाद अब सरकारी कर्मचारी पूरे बिहार में घर घर जाकर शराबबंदी पर ओपिनियन पोल करते नजर आएंगे.
Nitish Kumar ने 2016 में की थी शराबबंदी लागू
नशा मुक्ति दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार का कहना था की वह लोगों से एक नये सर्वेक्षण पर विचार करने का आग्रह करेंगे, जो शराबबंदी के प्रभाव का एक नया अनुमान देगा… निष्कर्षों के आधार पर हम नये उपाय पेश करेंगे.2015 के चुनावी वादे पर अमल करते हुए नीतीश कुमार ने बिहार में 2016 में शराबबंदी लागू कर दी थी. फरवरी, 2023 में चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और जीविका के पंचायती राज चेयर ने मिल कर ने शराबबंदी पर सर्वे किया था.
पहले भी हो चुका है शराबबंदी सर्वे
इससे पहले भी ADRI और जगजीवन राम रिचर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से शराबबंदी लागू होने के करीब साल भर बाद ही सोशल सर्वे कराया गया था. सर्वे के मुताबिक, बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद के सात साल के टाइम में 1 करोड़ 82 लाख लोग शराब छोड़ चुके हैं. सर्वे से ये भी पता चला था कि जो लोग शराबबंदी के पहले शराब पीते थे, उनमें से 96 फीसदी लोगों ने शराब पीना पूरी तरह छोड़ दिया है.बिहार की 99 फीसदी महिलायें और 92 फीसदी पुरुष शराबबंदी कानून को जारी रखने पक्ष में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिश एक बार फिर ऐसा ही फीडबैक लेने की है.
सरकार बिहार में शराबबंदी खत्म कर देगी ?
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ राज्यों में शराबबंदी लागू है लेकिन वहां इस पर अच्छे से काम नहीं होता है.WHO ने भी शराब पीने से होनेवाले दुष्परिणामों को लेकर सर्वे किया था और उसका रिपोर्ट जारी किया था. शराब पीने से कई तरह की बीमारियां होती है.27% सड़क दुर्घटना शराब पीने के कारण होती है.हमलोग सिर्फ शराबबंदी पर ही नहीं एक-एक काम पर ध्यान दे रहे हैं.नीतीश कुमार ने कहा जब तक मैं सत्ता में हूँ तब तक शराबबंदी लागू रहेगी.