Silkyara Tunnel: सिलक्यारा सुरंग के अंदर पिछले 15 दिनों से 41 श्रमिक जिंदगी की जंग लड़ रहे थे. पूरे देश में उनकी सलामती और सुरक्षित बाहर आने के लिए प्रार्थना की जा रही थी. लोगों की प्रार्थनाएं काम आई.टनल में 16 दिन से फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है.मजदूरों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है.मजदूरों की हालत एकदम ठीक है.
Silkyara Tunnel में दिखे शिवजी
मजदूरों को बचाने के लिए विज्ञान और भगवान दोनों पर आसरा जताया जा रहा था.एक तरफ टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया गया तो दूसरी ओर सुरंग के मुख्य द्वार के बाहर बाबा बौखनाग का मंदिर बनाकर पूजा की गई.इसी बीच सिलक्यारा टनल के बाहर ऐसी आकृति दिखी, जो चर्चा का विषय बन गई. सुरंग के ठीक बाहर स्थित बाबा बौखनाग मंदिर के पीछे पानी से कुछ ऐसी आकृति बनी, जो भगवान शंकर की प्रतिमा जैसी दिखती है. इसकी तस्वीरें और वीडियो देखते-देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
क्या ये बाबा बौखनाग की नाराजगी के कारण हुआ
बाबा बौखनाग का मंदिर ठीक उस सुरंग के बाहर है, जिसमें मजदूर फंसे हैं. जब सुरंग का निर्माण शुरू हुआ तो मंदिर को उसके मूल जगह से हटाकर सुरंग के अंदर कोने में स्थापित किया गया था. हालांकि हादसे के बाद मंदिर को दोबारा पहले वाली जगह पर स्थापित कर दिया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे तमाम कर्मचारी बाबा बौखनाग की पूजा-अर्चना भी कर रहे हैं.बाबा बौखनाथ सिलक्यारा सहित क्षेत्र की तीन पट्टियों के ईष्ट देवता हैं. मंदिर के अंदर भगवान नागराज की प्रतिमा है. इलाके के लोग यहां कड़ाही भी चढ़ाते हैं. ऐसी मान्यता है कि बाबा बौखनाग इलाके के रक्षक हैं.
विदेशी होते हुए भी एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने दिखाई आस्था
मजदूरों को बचाने के लिए विज्ञान और भगवान दोनों पर आसरा जताया जा रहा था. एक तरफ टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया गया तो दूसरी ओर सुरंग के मुख्य द्वार के बाहर बाबा बौखनाग का मंदिर बनाकर पूजा की गई.उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा बौखनाग मंदिर पर जाकर माथा टेका और कहा कि ऑपरेशन बाबा के आशीर्वाद से सफल हो रहा.इतना ही नहीं विदेशी एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने भी बाबा के मंदिर पर माथा टेका था. जबकि वो विदेशी हैं.एक्सपर्ट और टीमें बाबा बौखनाग का आशीर्वाद लेने के बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन के काम में जुटते थे
स्थानीय लोगों ने क्या कहा
स्थानीय लोग इसे चमत्कार बता रहे हैं कि बाबा के मंदिर के पीछे महादेव की परछाई नजर आ रही है.लोगों का कहना था कि इस हादसे के पीछे बाबा बौखनाग की नाराजगी थी.तभी रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतें सामने आईं थीं.कभी भूस्खलन, कभी पत्थर तो कभी मशीन खराब हो गई.जब अधिकारियों ने बाबा से माफी मांगी और मंदिर बनाकर पूजा अर्चना की,इसके बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन का काम सफल होने लगा औऱ अब मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.