अगस्त में उत्तर प्रदेश मंडी परिषद की बैठक के बाद राज्य के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह द्वारा सीएम योगी को लिखे गये पत्र के बाद ये खबर चर्चा में थी कि योगी कैबिनेट के मंत्री ने अपने ही विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम को पत्र लिखा है. खबर थी कि राज्यमंत्री ने सीएम योगी को लिखे अपने पत्र में मंडी परिषद के बारे में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी. मंत्री ने अपने पत्र में सीएम को लिखा था कि मंडी परिषद के पदाधिकारियों ने गोदाम के सीसीटीवी खराब कर दिये हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बने मैंगो पैक हाउस में कई फीट गड्ढे के बावजूद बिल पास करा लिये गये हैं.
इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने ऐसे किसी आरोप से इंकार करते हुए एक पत्र जारी किया है जिसमें मंडी परिषद मे हुई बैठक और इससे संबंधित जानकारी के बारे में बताया गया है .
राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि उत्तर प्रदेश में मंडी परिषद का काम काज सही तरीके से चले यह सुनिश्चित करने के लिए मेरे द्वारा मंडी परिषद की समीक्ष बैठक की गई. जिसमें मंडी परिषद के विकास कार्यों और होने वाली आय की प्रगति की समीक्षा की गई.
मंडी परिषद में बैठक के दौरान आये तथ्यों ,अच्छाइयों एवं कमियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया. सीएम योगी मंडी परिषद के मनोनीत सभापति हैं, इसलिए यहां होने वाले सभी कार्यो की प्रगति रिपोर्ट उन्हें सौंपी जाती है.
दिनेश प्रताप सिंह ने खास तौर से जानकारी देते हुए बताया कि 16 अगस्त 22 को हुई बैठक के दौरान किसी तरह के भ्रष्टाचार की कोई बात सामने नहीं आई. जो वस्तुस्थिति है उससे मुख्यमंत्री जी को अवगत करा दिया गया.अनियमितता कमिया होना और उसे ठीक करना ये एक सतत प्रक्रिया है, जिसे अनावश्यक रुप से द्वेषवस उछाला जा रहा है.दायित्त्वो के निर्वहन में रोज ऐसे पत्र व्यवहार किये जाते हैं.
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने ये भी साफ किया कि जीरो टालरेंस की नीति वाले सीएम योगी के दिशानिर्देश पर हर महीने मंडी की समीक्षा बैठक होती है. जिसमें मंडी से संबंधित हर तरह क विषय उठाये जाते हैं.