Friday, November 22, 2024

Chhath Puja : नहाय खाय के साथ आज से छठ महापर्व की हुई शुरुआत, 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ होगा महापर्व का समापन

पटना : बिहार , उत्तर प्रदेश ,दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में मनाये जाने वाले आस्था के महापर्व छठ पूजा Chhath Puja की आज से शुरुआज हो रही है. आज से अगले चार दिन तक पूरे विधि विधान के साथ व्रती Chhath Puja महाआयोजन में जुटे रहैंगे.

चार दिनों तक तरह से होगी पूजा

17 नवंबर – कददू भात 

18 नवंबर – खरना पूजन

19 नवंबर – अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य 

20 नवंबर – उगते सूर्य (उषा) को अर्ध्य

17 नवंबर को नहाय खाय– इस दिन सूर्यदेव को सम्मुख मान कर  व्रती छठ पूजा करने का संकल्प लेते हैं. इस दिन व्रती किसी नदी, तालाब या जल के शुद्ध श्रोत में स्नान कर खुद को शुद्ध करते हैं औऱ अगले चार दिन तक पूरे विधि विधान के साथ छठ करने का संकल्प लेते हैं.

Chhath Puja Nahay Khay
Chhath Puja Nahay Khay

इस दिन लौकी का विशेष महत्व होता है. हर व्रती के घर में  लौकी की सब्जी और चने की दाल के साथ भोजन तैयार किया जाता है. आज के दिन को ‘कद्दूभात’  के नाम से जाना जाता है. दरअसल छठ पूजा का महापर्व भगवान सूर्य और प्रकृति के द्वारा मनुष्यों को दिये गये अद्भुत जीवन के लिए आभार व्यक्त करने का भी त्योहार है. छठपूजा का प्रसाद ठेकुआ को तो बहुत लोग जानते है, लेकिन ये कम ही लोग जानते हैं कि इस महापर्व का एक एक हिस्सा प्रकृति और प्रकृति से जुड़ी चीजों से बना हुआ है.

छठ पूजा की शुरुआत एक खास तरह के भोजन से होती है, इसे नहाय-खाय और कद्दू भात कहा जाता है. इस दिन व्रती के साथ साथ पूरा परिवार कच्चे चावल का भात, चने की दाल,और  लौकी (जिसे बिहार में कद्दू कहते हैं) की सब्जी के साथ भोजन तैयार किया जाता है. ये सारा भोजन सेंधा नमक के साथ तैयार किया जाता है .यही भोजन पूरा परिवार ग्रहण करता है.

Chhath Puja Kaddu Bhat
Chhath Puja Kaddu Bhat

18 नवंबर – खरना पूजन   इस दिन से  व्रती (व्रत धारण करने वाले) का उपवास शुरु होगा . दिन भर के उपवास के बाद शाम के समय केले के पत्ते पर  गुड़ की खीर और केले के भोग के साथ भगवान सूर्य का आवाहन किया जायेगा और शाम के समय भोग लगाकर व्रती भोजन ग्रहण करेंगे . व्रती के भोजन ग्रहण करने के उपरांत सभी को प्रसाद दिया जाता है.

KHARNA PUJA
KHARNA PUJA

19 नवंबर – खरना पूजा के बाद से व्रती का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु होता है. 19 नवंबर को व्रती शाम का अर्ध्य देंगे. व्रती के साथ परिजन और सभी लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देते हैं.

ASTACHALGAMI SURYA ARDHYA
ASTACHALGAMI SURYA ARDHYA

20 नवंबर – 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद इस तीसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य अर्पित किया जायेगा. उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन होगा.

Ugte Surya Ko Ardhya
Ugte Surya Ko Ardhya

छठ पर्व को लेकर बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में तैयारियों जोरों पर है. जगह जगह पर छठ घाट बनाये जा रहे हैं, जहां व्रती अस्ताचल गामी सूर्य और उगते सूर्य को देखते हुए अर्ध्य अर्पित करेंगे.

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