बिहार:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Nitish Kumar ने अपने बयान के बाद एक बवाल खड़ा कर लिया है. विपक्षी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी को बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा भुनाने को मिल गया है. मांझी के लिए विधानसभा में सीएम नीतीश ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, उसे लेकर भारतीय जनता पार्टी भी अब हमलावर हो गई है.
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Nitish kumar
Nitish Kumar पर पीएम मोदी ने भी कसा था तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा में निर्लज्जता के साथ दलित नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को अपमानित किया गया. पीएम मोदी ने बताया कि नीतीश कुमार ने इससे पहले रामविलास पासवान को भी अपमानित कर चुके हैं. दलितों को इसी तरीके से अपमानित करना नीतीश और कांग्रेस के दलों की आदत है.एक तरह से मोदी जीतनराम के समर्थन में आए
पूर्व सीएम ने अब मौन धरने पर बैठने का किया ऐलान
पीएम मोदी ने नीतीश और कांग्रेस को दलित विरोधी बताते हुए मांझी का समर्थन किया.वहीं पूर्व सीएम ने अब मौन धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया है. जीतनराम मांझी ने कहा है कि भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के सामने मौन धरने पर बैठेंगे. बिहार में सामान्य वर्ग की आबादी जातिगत जनगणना के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 15 फीसदी है. सामान्य वर्ग को बीजेपी का ट्रेडिशनल वोटर माना जाता है. लेकिन बीजेपी के नेता भी ये समझ रहे हैं कि बिहार जैसे जटिल जातीय संरचना वाले राज्य में केवल सवर्ण मतदाताओं के सहारे कोई चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है. बहुकोणीय मुकाबले की स्थिति में चुनाव जीतने के लिए कम से कम 35 फीसदी के आसपास वोट की जरूरत होगी.नीतीश कुमार यह भी समझ रहे हैं, कि राष्ट्रीय स्तर पर महिला आरक्षण बिल पास कर देने की वजह से भाजपा ने महिलाओं के बीच बढ़त बना ली है. उनका ख्याल है, कि वे शायद अब शराबबंदी और लड़कियों को साइकिल बांटने का लाभ नहीं उठा पाएंगे.