मंगलवार को विपक्षी नेताओं के फोन हैक करने की कोशिश करने को लेकर मचे बवाल के बीच Apple ने एक बयान जारी कर सफाई दी है. एप्पल ने कहा “Apple खतरे की सूचनाओं का श्रेय किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को नहीं देता है. राज्य-प्रायोजित हमलावर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत हैं, और उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं. ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर त्रुटिपूर्ण और अधूरा होते हैं”.
ऐप्पल खतरे की सूचनाएं झूठी अलार्म हो सकती हैं-एप्पल
हलांकि एप्पल कंपनी ने अपनी चेतावनी को पूरी तरह से खारिज नहीं किया. एपप्ल कंपनी ने कहा कि “यह संभव है कि कुछ ऐप्पल खतरे की सूचनाएं झूठी अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाया है. हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें ख़तरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं, क्योंकि इससे राज्य-प्रायोजित हमलावरों को भविष्य में पहचान से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है.”
राहुल गांधी समेत कई नेताओं को मिली थी एप्पल से चेतावनी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्द्वेदी, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, एआईएमआईएम नेता असदउद्दीन ओवैसी समेत विपक्षी नेताओं ने दावा किया था कि उन्हें एप्पल से एक ईमेल मिला है जिसमें उन्हें ‘राज्य-प्रायोजित’ हमलावरों के बारे में चेतावनी दी गई है जो संभावित रूप से उनकी आईडी से जुड़े iPhones से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे थे.
पेगासस मामले की याद हुई ताज़ा
विपक्षी नेताओं को मिली एप्पल कंपनी की चेतावनी ने पेगासस मामले की याद ताज़ा कर दी. एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने कहा था कि, उनके द्वारा विश्लेषण किए गए 29 फोन में पेगासस स्पाइवेयर की मौजूदगी को लेकर अनिर्णायक सबूत मिले है
पैनल ने कहा था कि सरकार ने नागरिकों को अवैध निगरानी और साइबर हमलों से बचाने के लिए नए कानूनों और उपायों की सिफारिश करते समय इसकी जांच में सहयोग नहीं किया. पैनल को पांच फोन में कुछ मैलवेयर मिले लेकिन यह दिखाने के लिए कुछ भी निर्णायक नहीं था कि यह पेगासस था.
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