अहमदाबाद : हाल ही में गुजरात में गरबा के दौरान एक दिल का दौरा पड़ने से कुछ लोगों के मौके मामले सामने आये. Covid-19 के बाद से ही ये देखा जा रहा है कि कई लोगों की मौत जिम करते हुए , कई बार सड़क पर चलते हुए तो कई लोग अखबार पढ़ते हुए भी दिल के दौरे के शिकार हुए. इसके बाद से लगातार से सवाल उठ रहे हैं आखिर क्या वजह है कि कोरोना के जाने के बाद अचानक लोगों को घातक दिल के दौरे पड़ रहे हैं. अब इसका जवाब स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया की तरफ से आया है.
Covid-19 के बाद बढ़ें हैं sudden heart attack के मामले
केंद्रीय स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया Mansukh Mandaviya ने गुजरात के भावनगर में एक कार्यक्रम के दौरान हार्ट अटैक्स से हो रही मौतों के मामले में बात करते हुए कहा कि एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि कोरोना के बाद हार्टअटैक के मामले बढ़े हैं. केंद्रीय स्वास्थ मंत्री ने कहा कि जिन लोगों को कोरोना हुआ था, उन्हें विशेष सतर्कता रखने की जरुरत है. ऐसे लोगों को कड़ी मेहनत और वर्कआउट से बचना चाहिये.
Covid-19 के बाद अचानक हार्ट अटैक पर ICMR की स्टडी
आपको बता दें कि कोराना काल के बाद अचानक बढ़े हार्ट अटैक के कारण लगातार लोग इस बात का पता लागने की कोशिश कर रहे है कि आखिर इसके पीछे वजह क्या हैं. ICMR य़ानी Indian Council of Medical Research भी पिछले करीब एक साल से इस मामले पर स्टडी कर रहा है. अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ICMR के हवाले से ही ये जानकारी दी है कि स्टडी में ये बात सामने आई है कि कोरोना के बाद दिल का दौरा पड़ने के मामले में बढ़ोतरी हुई है.
गुजरात में गरबा के दौरान 6 लोगों की हार्ट अटैक से मौत
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ मंत्री का बयान तब आया है जब हाल ही में खत्म हुए नवरात्री कार्यक्रम के दौरान गुजरात में गरबा करते हुए एक महिला और एक 12 साल के लड़के को हार्टअटैक आया और उनकी मौत हो गई. इन का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भू हुआ. केवल गरबा ही नहीं हीस हाल ही में पानीपत के डीएसपी जोगिंदर देसवाल को जिम में एक्सरसाइज करते हुए दिल का दौरा पड़ा और तत्काल मौत हो गई . केवल नवरात्री के ही दौरान गुजरात में 22 लोगों की मौत की खबर है.
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न्यूज एजेंसी PTI के सूत्रों के मुताबिक इन घटनाओं के बाद गुजरात के स्वास्थ मंत्री रुषिकेष पटेल ने अहमदाबाद के यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्यिलॉजी एम रिसर्चट सेंचर के कार्डियोलॉजिस्ट्स से बात की और डाक्टरों को इन मौतों के सही कारण पता कहने के लिए कहा था. इसके बाद डाक्टरों ने ICMR के विशेषज्ञों से भी बात की .