Friday, September 20, 2024

Mahua Moitra: पूर्व आशिक का बदला या राजनीति की बिसात, किस जाल में फंस गई है टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा?

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा आजकल सुर्खियों में है. पिछले एक हफ्ते से वह लगातार सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है. एक तरफ उनकी निजी तस्वीरों को लेकर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है तो दूसरी तरफ उनपर संसद में सवाल पूछने के बदले पैसा लेने का आरोप है. महुआ के खिलाफ चल रही सारी कहानी में ग्लैमर है, इश्क में चोट खाया आशिक है, एक राजनीतिक विरोधी है, एक नाराज़ बिजनेसमैन है. कुल मिला कर कहे तो बढ़िया और कामयाब वेब सीरीज के लिए जरूरी सभी मसाला है.
ग्लैमर, इश्क, पूर्व आशिक और राजनीतिक विरोधी सभी है इस कहानी में
कहानी को शुरुआत कुछ छोटे कपड़ों पहने….हाथ में शराब का ग्लास और सिगार लिए तस्वीरों के वारयल होने से शुरु होती है….फिर आता है भ्रष्टाचार का मामला….संसद में महुआ से गाली खाए बीजेपी के नेता निशिकांत दुबे लोकसभा स्पीकर को एक पत्र लिखकर महुआ पर सवाल पूछने के बदले महंगे तोहफे लेना का आरोप लगाते है. और मांग करते है कि महुआ के खिलाफ जांच और जांच होने तक उन्हें संसद से निष्कासित तक दिया जाए.

चोट खाए प्रेमी ने लिया बदला

मजेदार बात ये होती है कि निशिकांत दुबे के आरोप जिस शख्स के खुलासों पर आधारित है वो महुआ मोइत्रा के शब्दों में उनका पूर्व प्रेमी है जो अचानक रिश्ते के खत्म हो जाने से परेशान और दुखी है. इस jilted पूर्व प्रेमी के साथ पिछले तीन साल से महुआ का एक पालतू कुत्ते को लेकर विवाद भी चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई का आरोप है कि मोइत्रा ने उनके पालतू रॉटवीलर, हेनरी को चुरा लिया है. इसलिए अब वो महुआ के भ्रष्टाचार का खुलासा कर उन्हें बरबाद कर देना चाहते है. इस कहानी में देहाद्राई ये भी आरोप लगा चुकें हैं कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घबराई महुआ ने एक सन्देश वाहक के जरिए उन्हें संदेश भेजा कि वो कुत्ता वापस कर देंगी और वो सीबीआई को उनके खिलाफ दी शिकायत वापस ले लें. हलांकि देहाद्राई ये भी बताते है कि वो इस ऑफर को ठुकरा चुकें है. वैसे देहाद्राई कोई कसर नहीं छोड़ रह है महुआ को परेशान करने की इसका एक नमूना तब देखने को मिला जब कोर्ट में महुआ के वकील ने उनका ये कहकर साथ छोड़ दिया कि इस मामले में हितों के टकराव के चलते वो आगे उनकी पैरवी नहीं कर पाएंगे. महुआ के वकील गोपाल शंकरनारायण ने बताया की देहद्राई ने उन्हें कॉल करके मामला वापस लेने को कहा, जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग उनके पास मौजूद है. इसपर जज ने कहा, अगर ऐसा है तो शंकरनारायण इस मामले की पैरवी कैसे कर सकते हैं.

राजनीतिक विरोधी ने बुना जाल

तो ये थी चोट खाए प्रेमी की कहानी अब बात करते है गाली खाए राजनेता के बदले की तो जैसा की हमने बताया था की बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेना का आरोप लगाया था. इस आरोप में ये कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने महुआ ने प्रधानमंत्री के करीबी कहें जाने वाले व्यापारी अदानी के टारगेट किया. उन्होंने अदानी के प्रतिद्वांदी दर्शन हीरानंदानी से तोहफे लेकर अदानी ग्रुप को टारगेट किया. महुआ ने इस आरोप के जवाब में निशिकांत दुबे समेत कुछ अखबारों पर मानहानी का केस कर दिया. इस बीच अडानी समूह ने भी इन आरोपों का जवाब दिया और 16 अक्टूबर को एक बयान में कहा कि यह साबित हुआ कि “कुछ समूह” हमारे नाम, सद्भावना और बाजार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे थे.

बिजनेसमैन और राजनीति का गंदा खेल

रियल एस्टेट, आईटी और ऊर्जा में रुचि रखने वाले हीरानंदानी समूह ने शुरू में अपनी भूमिका से इनकार किया. लेकिन फिर एक हस्ताक्षरित हलफनामा जारी कर दुबे के दावों की पुष्टि कर दी. महुआ ने इस सोशल मीडिया पर लीक हुए हलफनामे को कनपटी पर बंदूक रख हस्ताक्षर कराया हलफनामा बताया….इस हलफनामे में मोटा मोटी ये स्वीकार गया है कि उन्होंने अदानी ग्रुप के बारे में मोइत्रा को जानकारी दी. साथ ही ये बी कहा गया कि महुआ को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पत्रकार सुचेता दलाल और वकील शार्दुल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ जैसे अन्य लोगों ने भी “गौतम अडानी और उनकी कंपनियों से संबंधित सभी प्रकार की असत्यापित जानकारी दी.
महुआ पर “फाइनेंशियल टाइम्स, न्यूयॉर्क टाइम्स, बीबीसी और कई भारतीय प्रकाशनों के अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों” के साथ लगातार संपर्क में होने का भी आरोप लगा.
आरोप ये भी लगा कि हीरानंदानी ने महुआ को “महंगी विलासिता की वस्तुएँ” उपहार में दीं और “उसके आधिकारिक बंगले के नवीनीकरण” भी कराया जिसके बदले में अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड प्रदान किया ताकि वह “सीधे उसकी ओर से प्रश्न पोस्ट कर सके”.

राजनीति में आने से पहले जेपी मॉर्गन की वायस प्रेसिडेंट थी महुआ

चलिए आरोप तो आपने जान लिए अब टीएमसी सांसद का बेकग्राउड भी चेक कर ले…. टीएमसी के टिकट से पर 2019 लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से जीत हासिल करने वाली महुआ असम के कछार जिले में साल 1974 में जन्मी. महुआ ने अपनी शुरुआती पढ़ाई राजधानी कोलकाता से की और आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गई. टीएमसी सांसद ने मैसाचुसेट्स में माउंट होलोके कॉलेज साउथ हैडली से 1998 में अर्थशास्त्र और मैथ्स में ग्रेजुएशन किया.
इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित बैंकिंग कंपनी जेपी मॉर्गन चेज में काम किया. उन्होंने न्यूयॉर्क और लंदन दोनों ही जगह काम किया. नौकरी छोड़ने तक वह जेपी मॉर्गन की वायस प्रेसिडेंट बन गई थी. यानी उनकी सैलरी करोड़ों में रही होगी क्योंकि जेपी मॉर्गन में काम करने वाले इंवेस्टमेंट बैंकर की औसत सैलरी 1.21 लाख डॉलर से ज्यादा है, जो भारतीय रुपये में एक करोड़ रुपये से ज्यादा है. अनुभव के साथ सैलरी करोड़ों में पहुंच जाती है.
यानी महुआ राजनीति में आने से पहले ही खुद के लिए एक सफल महिला होने का टैग हासिल कर चुकी थी. पैसे की उन्हें कमी नहीं थी और उनका रहन सहन पाश्चात्य संस्कृति से पूरी तरह प्रभावित था.

क्या पूर्व प्रेमी की सनक ने खोल दिया भ्रष्टाचार का राज?

तो क्या लगता है आपको … क्या महुआ मोइत्रा को ये बेनिफिट ऑफ डाउट देना चाहिए कि वह एक पूर्व प्रेमी की सनक और एक विरोधी नेता की साजिश का वो शिकार हो गई है. वैसे अगर उन्हें बेनिफिट ऑफ डाउट दिया भी जाए तो इस बात की जांच ज़रुर होनी चाहिए की एक वक्त राजदार रहे चोट खाए प्रेमी ने जो राज फाश किए उनमें कितनी सच्चाई है.

ये भी पढ़ें- Mahua Moitra: निशिकांत दुबे का नया आरोप, कहा-महुआ मोइत्रा भारत में थीं तब दुबई…

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