Friday, November 8, 2024

Himanta Biswa Sarma: सुप्रिया सुले ने कहा, हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए मेरे जैसा ही है. सरमा से उम्मीदें थीं

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की एनसीपी प्रमुख शरद पवार और फिलिस्तीन पर उनके रुख के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करते हुए, गुरुवार को NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “मैं आश्चर्यचकित हूं क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए मेरे जैसा ही है, वह मूल रूप से कांग्रेस से हैं. उनका और मेरा डीएनए एक ही है… आप जानते हैं कि बीजेपी महिलाओं के प्रति कैसे अपमानजनक है. मुझे हिमंत बिस्वा सरमा से उम्मीदें थीं……बीजेपी आईटी सेल को शरद पवार ने जो कहा है उसे ध्यान से समझने और सुनने की जरूरत है.”


शरद पवार हमास के साथ लड़ने के लिए सुप्रिया (सुले) को गाजा भेजेंगे-सरमा

असल में शरद पवार ने फिलिस्तीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा था कि भारत हमेशा फिलिस्तीनी मुद्दे के समर्थन में खड़ा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि इजराइल ने फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जा कर लिया है. जिसके जवाब में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शरद पवार पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि, ”मुझे लगता है कि शरद पवार हमास के साथ लड़ने के लिए सुप्रिया (सुले) को गाजा भेजेंगे.”


मानवीय संकट का घरेलू फायदा उठाना चाहते हैं-मनोज झा

वहीं आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह एक मानवीय संकट है और वे इसका घरेलू फायदा उठाना चाहते हैं..आप एक बार रिविजट करिए कि फिलिस्तीन को लेकर देश का क्या नजरिया रहा है….”


फिलिस्तीन -इजराइल पर अटल बिहारी वाजपेयी की क्या भूमिका को जानना चाहिए-संजय राउत

वहीं सरमा के बयान को लेकर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, “असम के सीएम जिस पार्टी में हैं वह हमास से कम नहीं है….. उन्हें पहले इतिहास पढ़ना और समझना चाहिए. वो बीजेपी में हैं तो उन्हें फिलिस्तीन -इजराइल के बारे में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की क्या भूमिका रही है उन्हें जानना चाहिए.”


शरद पवार का बयान परेशान करने वाला और बेतुका -पीयूष गोयल

वैसे सिर्फ हिमंत बिस्वा सरमा ही नहीं बुधवार को शरद पवार के बयान पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी प्रतिक्रिया देते हुए उसे परेशान करने वाला और बेतुका बताया.
गोयल ने एक्स पर लिखा, “यह बहुत परेशान करने वाली बात है जब शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता इजरायल में आतंकवादी हमले पर भारत के रुख पर बेतुके बयान देते हैं. दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद के खतरे की सभी रूपों में निंदा की जानी चाहिए. यह दुख की बात है कि एक वह व्यक्ति जो भारत का रक्षा मंत्री होने के साथ-साथ कई बार मुख्यमंत्री भी रहा है, आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर इतना अनौपचारिक दृष्टिकोण रखता है.”
विपक्ष का आरोप है कि क्योंकि फिलिस्तीन मुसलमानों से जुड़ा है और बीजेपी भारत में मुस्लिम नफरत को बढ़ाना चाहती है इसलिए वह युद्ध का इस्तेमाल भारत में ध्रुवीकरण करने के लिए करना चाहते हैं.

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