दिल्ली : Chandryaan-3 की सफलता से भारत के वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया को अपनी तकनीकी कुशलता का लोहा मनवा दिया है. अभी तक भारत समेत विश्व के ज्यादातर देश एडवांस तकनीक के लिए अक्सर अमेरिका की तरफ देखते थे लेकिन चंद्रयान 3 Chandryaan-3 की सफलता ने पूरी दुनिया को बता दिया कि अगर मौका मिले तो भारतीय वैज्ञानिक किसी से पीछे नहीं हैं. जिस देश को सांप बिच्छुओं का देश कह जाता था उस देश के वैज्ञानिकों ने वो कर दिखाया जो दुनिया का कोई और देश नहीं कर पाया. भारत के वैज्ञानिकों ने ना केवल चंद्रयान 3 Chandryaan-3 को चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक उतारा बल्कि इसके रोवर प्रज्ञान ने 14 दिन तक चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी की और वहां से दुनिया के लिए अब तक अंजान रहे साउथ पोल की तस्वीरें धरती को भेजीं.
चंद्रायन 3 की तकनीक खरीदना चाहता था नासा, इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताई मजेदार किस्सा #Chandrayaan3 pic.twitter.com/Cn749Zcak4
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) October 16, 2023
Nasa के वैज्ञानिकों ने ISRO से मांगी थी Chandryaan-3 की तकनीक
ये कम ही लोगों को पता होगा कि जिस समय भारत चंद्रयान 3 को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा था,उस समय अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र NASA ने भारत से कहा था कि आप ये तकनीक अमेरिका को बेच दें.
ये बात किसी और ने नहीं बल्कि ISRO के चीफ एस सोमनाथ ने बताई. इसरो चीफ एस सोमनाथ भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के मौके पर रामेश्वरम में एक कालेज के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताई.
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने छात्रों के बीच मजेदार किस्सा साझा करते हुए बताया कि ये वाकया चंद्रयान 3 के साफ्ट लैंडिंग से पहले की है. जब चंद्रयान 3 के लैंडिंग की तैयारी आखिरी चरम पर थी , तब नासा के जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी से 5-6 लोग ISRO आए थे. हम लोगों ने उन्हें चंद्रयान-3 की टेक्नॉलजी के बारे में बताया.
ISRO को देख कर NASA के वैज्ञानिक हैरान
इसरो चीफ ने कहा कि हमारे काम औऱ लेबोरेट्री को देखकर उन्होंने कहा कि हमारे पास शब्द नहीं हैं. यहां सब कुछ इतने अच्छे तरीके से हो रहा है. ये उपकरण कितने अच्छे और सस्ते हैं. नासा के वैज्ञानिकों ने हमस पूछा उसे आपने कैसे बनाया, ये तो बहुत हाई टेक्नोलॉजी है. इतना सब देखने के बाद उन्होने कहा कि आप ये टेक्नोलॉजी अमेरिका को क्यों नहीं बेच देते हैं.
‘भारत बेस्ट तकनीक के साथ बेस्ट रॉकेट बना रहा है’
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने छात्रों से कहा कि अब बदलते भारत में अंतरीक्ष विज्ञान भी तेजी से विकसित हो रहा है. भारत आज बेहतरीन रॉकेट्स बनाने में सक्षम है इस लिए इस सेक्टर को सरकार ने निजी क्षेत्रों के लिए भी खोल दिया है. ये एक अच्छा कदम है. इससे भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान तकनीक को नई दिशा मिल रही है. इसरो चीफ ने छात्रों से कहा कि आज भारत इंटेलिजेंस के मामले में दुनिया के चुनिंदा देशों में से एक है. एक दिन हम अपने ज्ञान के बल पर टेक्टनोलॉजी के क्षेत्र में पावरफुल मुल्क बनेगा.